Land Scam: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट आज लैंड फॉर जॉब मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुना सकती है। यह फैसला पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव सहित आठ अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर होगा। अदालत यह निर्णय लेगी कि इस चार्जशीट का संज्ञान लिया जाए या नहीं।
सप्लीमेंट्री चार्जशीट का दाखिला
ईडी ने इस मामले में 6 अगस्त को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपियों को समन भेजने पर फैसला सुरक्षित रखा था। ईडी की दलीलों को सुनने के बाद, अदालत ने अभियोजन पक्ष की शिकायत (ईडी का आरोपपत्र) पर निर्णय लेने का आदेश सुरक्षित रखा।
रेलवे ग्रुप डी नियुक्तियों का विवाद
ईडी ने अदालत को सूचित किया कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। इस मामले की जड़ रेलवे ग्रुप डी की नियुक्तियों से जुड़ी है, जो लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान हुई थीं। ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर अपनी जांच को आगे बढ़ाया। ईडी का आरोप है कि इन नियुक्तियों के बदले में लालू प्रसाद यादव के परिवार या सहयोगियों को भूखंड उपहार में दिए गए या हस्तांतरित किए गए।
लालू प्रसाद यादव का कार्यकाल और विवाद
यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। उस समय की गई नियुक्तियों के बदले में कथित रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो के परिवार के नाम पर जमीन दी गई थी। इस मामले में अदालत का आज का फैसला कई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।