Pakistan News: पाकिस्तान में लोगो को भरपेट खाना नहीं मिल रहा है, जनता महंगाई से त्रस्त है, आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं...लेकिन इन सबके बीच पाकिस्तान यह जताने और बताने का कोई मौकैा नहीं छोड़ता है कि वह एक एटमी मुल्क है। अब एक बार फिर पाकिस्तान ने अपनी परमाणु ताकत की धौंस दिखाई है। पाकिस्तानी सेना के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान ‘परमाणु हथियारों का पहले प्रयोग ना करने की नीति’ का पालन नहीं करता है और देश प्रतिरोधी सैन्य क्षमताओं के जरिए दुश्मन के सभी खतरों का सामना करने में सक्षम है।
पाकिस्तान का रुख स्पष्ट
सेना के पूर्व अधिकारी ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर पाकिस्तान के रुख को भी स्पष्ट किया है। राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) खालिद अहमद किदवई ‘सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्ट्रेटेजिक स्टडीज’ (सीआईएसएस) में पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ, यौम-ए-तकबीर के मौके पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। जहां उन्होंने यह बाते कही हैं।
पाकिस्तान ने किए परमाणु परीक्षण
बता दें कि, पाकिस्तान ने भारतीय सेना के पोखरण परमाणु परीक्षण के जवाब में बलूचिस्तान प्रांत के दूरस्थ चागई पर्वत में एक गहरी सुरंग खोदकर 28 मई, 1998 को छह परमाणु परीक्षण किए थे। पाकिस्तान के इस सफल परमाणु परीक्षण को ‘‘यौम-ए-तकबीर’’ कहा जाता है।
पाकिस्तान की रणनीति
‘डॉन’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार किदवई ने कहा, ‘‘परमाणु हथियारों के मामले में पाकिस्तान के पास ‘नो फर्स्ट यूज’ (एनएफयू) की नीति नहीं है। एनएफयू नीति पहले परमाणु हथियारों का उपयोग ना करने की प्रतिबद्धता है। पाकिस्तान ने पारंपरिक रूप से अपनी एनएफयू नीति के बारे में अस्पष्टता बनाए रखी है।
क्षेत्र में कायम हुई शांति
सरकारी समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान’ (एपीपी) की खबर के अनुसार किदवई ने कहा कि पाकिस्तानी सेना उपलब्ध प्रतिरोधी क्षमताओं के जरिए दुश्मन देश के सभी खतरों का सामना करने में सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दशकों में पाकिस्तान की मजबूत परमाणु क्षमता के जरिए क्षेत्र में शांति कायम हुई है।’’ किदवई ने देश के परमाणु कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल का भी संकेत दिया।