Russia Presidential Election: रूसी राष्ट्रपति चुनाव के लिए तीन दिनों तक चलने वाली वोटिंग का कल (16 मार्च) दूसरा दिन था. चुनाव प्रचार शुरू होने के बाद से ही रूस के लोगों में चुनाव को लेकर कोई उत्साह नहीं दिख रहा था. कई पश्चिमी मीडिया आउटलेट ने दावा किया था कि इस बार रूस में वोटिंग परसेंटेज में रिकॉर्ड गिरावट देखने मिलेगी. शनिवार को चुनाव आयोग के उपाध्यक्ष निकोले बुलाएव ने मीडिया को बताया कि देशभर में अब तक 51.77 फीसदी मतदान हो चुका है. इस बार मतदान 15 मार्च से 17 मार्च तक तीन दिनों तक चलेगा, उम्मीद की जा रही है कि मतदान के आकड़ों में और बढ़ोत्तरी हो सकती है.
2020 में रूसी सरकार द्वारा लाए गए संवैधानिक रिफोर्म को बाद ये पहला चुनाव है. रिफोर्म के बाद व्लादिमीर पुतिन का 2036 तक राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया था. इस चुनाव में चार उम्मीदवार पुतिन के सामने चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDPR) के लियोनिद स्लटस्की, कम्युनिस्ट पार्टी के निकोले खारिटोनोव और न्यू पीपल पार्टी की ओर सेव्लादिस्लाव दावानकोव शामिल है. लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि व्लादिमीर पुतिन ही पांचवी बार राष्ट्रपति की कुर्सी संभालेंगे.
“शांतिपूर्वक हो रहा चुनाव”
ओल्गा किरिलोवा के मुताबिक दौपहर 3 बजे तक मतदान प्रक्रिया प्रबावित होने की कोई खबर नहीं मिली है, पूरे देश में शांतिपूर्वक मतदान हो रहा है. उन्होंने ये भी बताया कि देश में 39 लाख से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है. बता दें इस बार उन इलाकों में वोटिंग हो रही है जिन्हे रूस ने 2022 के बाद यूक्रेन से हासिल किया हैं, जिसकों लेकर यूक्रेन और पश्चिमी देश विरोध भी कर रहे हैं.
“यूक्रेन की ओर से साइबर अटैक”
रूस में डिजीटल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी रोस्टेलकॉम से जुड़े गोर लायपुनोव ने खुलासा किया है कि चुनाव के पहले दिन 90 हजार से ज्यादा साइबर अटैक हुए हैं. लायपुनोव ने बताया ये हमले यूक्रेन और उत्तरी अमेरिका की ओर से किए गए हैं. उन्होंने दावा किया, “इतनी बढ़ी संख्या में हमले होना संकेत है कि सामूहिक पश्चिम रूस के खिलाफ लड़ रहा है और हमले यूक्रेन और पश्चिमी यूरोप के साथ-साथ उत्तरी अमेरिका से किए गए हैं.” इसके अलावा रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा भी अमेरिका पर चुनावी प्रक्रिया प्रभावित करने के लिए हैकरों का इस्तेमाल करने का आरोप लगा चुकी हैं.