Vijay Mallya News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक अपराधियों से वसूली गई संपत्तियों के संबंध में दिए गए बयान पर भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। माल्या ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और बैंकों पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनके खिलाफ की गई वसूली अनियमित और अनुचित है।
वित्त मंत्री का बयान
मंगलवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने बड़े आर्थिक अपराधियों से 22,280 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं। इसमें विजय माल्या से 14,131 करोड़ रुपये और नीरव मोदी से 1,052 करोड़ रुपये की संपत्तियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जब्त की गई संपत्तियों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सौंप दिया गया है ताकि बैंकों को हुए नुकसान की भरपाई हो सके।
माल्या का पलटवार
विजय माल्या ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर बयान जारी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई में कई खामियां हैं। उन्होंने दावा किया कि डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) ने किंगफिशर एयरलाइंस (KFA) के ऋण को 6,203 करोड़ रुपये तय किया था, जिसमें 1,200 करोड़ रुपये का ब्याज भी शामिल है। माल्या के अनुसार, ED और बैंकों ने उनसे लगभग दोगुना वसूली की है।
कानूनी प्रक्रिया का भरोसा
माल्या ने कहा कि वह कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए न्याय की मांग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक यह साबित नहीं होता कि ED और बैंकों ने उनसे गलत तरीके से वसूली की है, उन्हें राहत दी जानी चाहिए।
वित्त मंत्री का सख्त संदेश
वित्त मंत्री ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि सरकार आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों से वसूली की गई संपत्तियां बैंकों को वापस कर दी गई हैं। सरकार ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में किसी भी आर्थिक अपराधी को देश छोड़ने का मौका नहीं दिया जाएगा।
आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कड़ा रुख
विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे मामलों में प्रवर्तन निदेशालय की सख्ती ने यह संदेश दिया है कि आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। सरकार के इस कदम को जनता और वित्तीय संस्थानों के हित में बड़ा फैसला माना जा रहा है।
निष्कर्ष
विजय माल्या की प्रतिक्रिया ने एक बार फिर से उनके मामले को सुर्खियों में ला दिया है। हालांकि, वित्त मंत्री के बयान और सरकार की कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आर्थिक अपराधियों पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत माल्या के दावे और सरकार के रुख का क्या नतीजा निकलता है।