Drone Attack: अरब सागर में गुजरात के पोरबंदर तट के पास शनिवार को जिस ड्रोन ने एक केमिकल टैंकर पर हमला किया गया वह ईरान से दागा गया था. ऐसा दावा पेंटागन ने शनिवार को किया है. इस शिप पर लगभग 20 भारतीय क्रू मेंबर्स सवार थे. पेंटागन का कहना है कि हमला स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे के आसपास हुआ है. उसने दावा किया है कि ये शिप जापानी स्वामित्व वाली है. साथ ही साथ शिप में आग बुझा दी गई.
बयान में कहा गया है कि अमेरिका की सेना शिप के साथ संपर्क बनाए हुए है. वह इस समय भारत में अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा है. यह घटना 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद बढ़ते क्षेत्रीय तनाव और शिपिंग लेन के लिए नए खतरे को उजागर करती है. ईरानी सरकार और यमन में उसके सहयोगी आतंकवादियों ने गाजा में इजराइली सरकार के सैन्य अभियान की सार्वजनिक रूप से आलोचना की है. दावा किया गया है कि इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध में हजारों फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं.
ईरान ने सातवीं बार किया कमर्शियल शिपिंग पर हमला
पेंटागन के बयान में कहा गया है कि ये 2021 के बाद से कमर्शियल शिपिंग पर सातवां ईरानी हमला था. वहीं, इस हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र में ईरानी प्रतिनिधिमंडल के प्रवक्ता ने तुरंत जवाब देने से इनकार कर दिया है. हालांकि अभी तक किसी भी देश या संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. हाल ही में लाल सागर में एक शिपिंग लेन पर यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों की ओर से ड्रोन और मिसाइल हमला किया गया था.
भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के देखरेख में मर्चेंट शिप एमवी केम प्लूटो को भारत लाया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि शिप सऊदी अरब के जुबैल बंदरगाह से मैंगलोर तक केमिकल ले जाया जा रहा था. यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) के मुताबिक, ये सुबह 11.30 बजे के आसपास पोरबंदर से 217 समुद्री मील दूर पर हमला किया गया है. देर रात एक बयान में भारतीय तट रक्षक दल ने कहा कि शिप के पावर जनरेशन सिस्टम को दुरुस्त कर लिया गया है और अब शिप मुंबई की ओर बढ़ना शुरू हो गई है.
भारत ने स्थापित किया रियल टाइम संपर्क
यूकेएमटीओ ने 21 लोगों के चालक दल का हवाला देते हुए बताया कि शिप पर सभी लोग सुरक्षित हैं और हमला एक अनक्रूड एरियल सिस्टम (यूएएस) से किया गया. इसके चलते विस्फोट हुआ और शिप में आग लग गई, जिससे बिजली सप्लाई बंद हो गई. एक बयान में कहा गया कि इंडियन कोस्ट गार्ड मैरीटाइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (एमआरसीसी) ने शिप के एजेंट के साथ रियल टाइम संपर्क स्थापित किया और जानमाल की कोई हानि नहीं होने का पता लगाया. साथ ही साथ सभी सहायता का आश्वासन दिया.