Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बड़ा राज्य, 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से काम करना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास, निर्यात संवर्धन, एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने इस दिशा में प्रदेश सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने ग्रेटर नोएडा में चल रही उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी (UPITS) के दौरान कहा कि इस प्रदर्शनी से प्रदेश को वैश्विक मंच पर नए अवसर मिल रहे हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ाने में सहायक साबित होंगे।
एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य
मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार ने 2027 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य में निवेश और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विदेशी निवेश को आकर्षित करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए 25 से अधिक क्षेत्रीय नीतियों पर काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी (UPITS) का आयोजन, जो 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में किया गया, इस दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रदर्शनी में 70 से अधिक देशों के 350 से अधिक खरीदारों ने भाग लिया, जिससे भारतीय उत्पादकों और निर्यातकों को वैश्विक बाजार तक पहुंचने में मदद मिल रही है।
एमएसएमई की भूमिका और वैश्विक बाजार में संभावनाएं
उत्तर प्रदेश की एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) इकाइयां राज्य की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। राज्य के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने इस पर जोर देते हुए कहा कि एमएसएमई सेक्टर को वैश्विक बाजार में मजबूत करने के लिए नवाचार, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण-अनुकूल गतिविधियों को अपनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि UPITS का दूसरा संस्करण न केवल स्थानीय निर्माताओं के लिए बल्कि निर्यातकों के लिए भी वैश्विक बाजार में अपने कदम जमाने का महत्वपूर्ण अवसर है।
उत्तर प्रदेश की जीडीपी और निर्यात में भूमिका
इस मौके पर फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के महानिदेशक और सीईओ डॉ. अजय सहाय ने उत्तर प्रदेश की जीडीपी और निर्यात में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का वर्तमान में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 10 प्रतिशत और कुल निर्यात में 5 प्रतिशत का योगदान है। राज्य के निरंतर प्रयासों और योजनाबद्ध रणनीति से 2030 तक उत्तर प्रदेश अपनी निर्यात हिस्सेदारी 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रख सकता है।
उत्तर प्रदेश की औद्योगिक क्षमता
फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने भी इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी प्रदेश की औद्योगिक क्षमता को उजागर करने का एक सुनहरा अवसर है। उत्तर प्रदेश ने इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा, मशीनरी, चिकित्सा उपकरण, और फार्मास्युटिकल जैसे उभरते क्षेत्रों में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है। इस प्रदर्शनी ने इन सभी क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश की क्षमता को वैश्विक निवेशकों और साझेदारों के सामने रखने का महत्वपूर्ण काम किया है।
निवेश और रोजगार सृजन की दिशा में कदम
उत्तर प्रदेश सरकार का ध्यान सिर्फ अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर ही नहीं, बल्कि रोजगार सृजन और स्थानीय उद्योगों के सशक्तिकरण पर भी है। राज्य की 25 क्षेत्रीय नीतियां विदेशी निवेश को आकर्षित करने, नवाचार को प्रोत्साहित करने, और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से बनाई गई हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार का 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का यह सपना प्रदेश की वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा। इसके साथ ही, राज्य का निरंतर प्रयास नए निवेशकों को आकर्षित करने और एक मजबूत आर्थिक ढांचे को स्थापित करने का है, जिससे आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक आर्थिक शक्ति बन सके।