Donald Trump News: वॉशिंगटन डी.सी.: अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक बड़ा फैसला आया है, जिसमें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी केस समेत 34 मामलों में दोषी ठहराए जाने की सजा बरकरार रखी गई है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रपति पद संभालने के बावजूद ट्रंप को उनके पद के आधार पर किसी प्रकार की राहत नहीं दी जाएगी।
क्या है हश मनी केस?
हश मनी केस की जड़ें 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी हुई हैं। उस समय डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगा था कि उन्होंने एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स के साथ अपने कथित संबंधों को सार्वजनिक होने से रोकने के लिए उन्हें गुप्त तरीके से 1.30 लाख डॉलर का भुगतान किया था।
इस भुगतान को छिपाने के लिए ट्रंप ने व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी की, जिसके चलते उन्हें दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने इस मामले में ट्रंप के खिलाफ कड़े निर्णय लेते हुए उनके मई 2024 में दिए गए फैसले को बरकरार रखा।
ट्रंप का पलटवार: जज पर लगाए आरोप
77 वर्षीय ट्रंप अमेरिकी इतिहास के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्हें आपराधिक रूप से दोषी ठहराया गया है। ट्रंप ने अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे को धांधलीपूर्ण बताते हुए कोर्ट और न्यायाधीश पर सवाल खड़े किए। मैनहट्टन कोर्ट के बाहर उन्होंने कहा कि जज पक्षपात कर रहे हैं और पूरे मामले में भ्रष्टाचार है। उन्होंने इसे “राजनीतिक साजिश” करार दिया और फैसले के खिलाफ आवाज उठाई।
20 जनवरी 2025 को ट्रंप लेंगे शपथ
हालांकि कानूनी चुनौतियों के बावजूद डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत दर्ज की है। वह 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। उनकी पार्टी रिपब्लिकन ने सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव दोनों में बहुमत हासिल किया है:
- सीनेट में रिपब्लिकन: 52 सीटें
- डेमोक्रेट्स: 47 सीटें
- हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव: रिपब्लिकन के पास 216 सीटें, जबकि डेमोक्रेट्स के पास 209 सीटें हैं।
ट्रंप के खिलाफ अन्य कानूनी चुनौतियां
ट्रंप को केवल हश मनी केस में ही दोषी नहीं ठहराया गया है, बल्कि उनके खिलाफ कई आपराधिक और सिविल मामले भी चल रहे हैं:
संघीय आरोप:
- न्याय विभाग के स्पेशल वकील जैक स्मिथ द्वारा दर्ज किए गए दो मामले।
- इनमें से एक मामला न्यूयॉर्क में और दूसरा जॉर्जिया में है।
न्यूयॉर्क का मामला:
न्यूयॉर्क में एक जूरी ने ट्रंप को 34 आरोपों में दोषी ठहराया।मानहानि केस:
पत्रकार ई. जीन कैरोल के मानहानि के दो सिविल मुकदमों में ट्रंप को दोषी पाया गया।- ट्रंप को महिला पत्रकार को कुल 88.4 मिलियन डॉलर मुआवजा देने का आदेश दिया गया।
- ट्रंप ने इन फैसलों के खिलाफ अपील दायर की हुई है।
धोखाधड़ी का मामला:
न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल लेटिसा जेम्स द्वारा दायर सिविल मामले में ट्रंप और उनकी कंपनियों पर 454 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया था। ट्रंप ने इस फैसले को भी चुनौती दी है।
कानूनी संकट और ट्रंप की राजनीतिक मजबूती
भले ही डोनाल्ड ट्रंप पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है, लेकिन उनकी राजनीतिक स्थिति अब भी मजबूत बनी हुई है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले उन पर फैसलों का साया मंडरा रहा है, लेकिन इसके बावजूद रिपब्लिकन पार्टी में उनका दबदबा कायम है।
क्या राष्ट्रपति पद ट्रंप को जेल से बचा पाएगा?
कोर्ट के ताजा फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी ट्रंप को कानूनी राहत नहीं मिलेगी। अमेरिकी कानून के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति, चाहे वह राष्ट्रपति हो या न हो, कानून से ऊपर नहीं है। इस मामले ने ट्रंप की आगामी राष्ट्रपति कार्यकाल को विवादों के घेरे में ला दिया है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ हश मनी केस का फैसला अमेरिकी राजनीति में एक ऐतिहासिक और निर्णायक क्षण बन चुका है। राष्ट्रपति पद संभालने के बावजूद ट्रंप को सजा से छूट नहीं मिलेगी, जो अमेरिकी न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता को दर्शाता है। आने वाले समय में ट्रंप को अपने राजनीतिक और कानूनी मोर्चों पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।