Rajasthan News: राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने बुधवार को आरएसआरडीसी बोर्ड की बैठक में सभी टोल पर फास्टैग की व्यवस्था अनिवार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने टोल नीति में महत्वपूर्ण सुधारों को मंजूरी दी, जिसमें टोल अनुबंध की अवधि को दो साल से घटाकर एक साल किया गया है, जिसे अधिकतम तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है। पेनाल्टी की राशि प्रति गलती एक लाख रुपये निर्धारित की गई है।
दीया कुमारी ने आरएसआरडीसी के फास्टैग कमांड सेंटर का निरीक्षण किया, जो सभी टोल प्लाजा की लाइव मॉनिटरिंग और रियल टाइम डेटा प्रदान करेगा। उन्होंने इसे फास्टैग सिस्टम से जोड़ने का आदेश दिया, जिससे सिस्टम में पारदर्शिता और ट्रैफिक मैनेजमेंट में सुधार होगा। इस पहल से टोल संवेदकों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और राजस्व वृद्धि की उम्मीद है।
टोल कान्ट्रेक्ट की अवधि दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष की गई
बैठक में टोल के कान्ट्रेक्ट की अवधि दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष कर दी गई है जिसे अधिकतम तीन महीने तक बढ़ाया जा सकेगा। नियमों की पालना नहीं करने पर एक लाख रुपये प्रति गलती की पेनाल्टी का प्रावधान रखा गया है। यह दस्तावेज राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नियमों के अनुरूप तैयार किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने आरएसआरडीसी भवन में स्थापित फास्टैग कमांड सेंटर का निरीक्षण किया। इस सेंटर के माध्यम से प्रदेश के सभी फास्टैग आधारित संचालित टोल प्लाजाओं की लाइव मॉनिटरिंग की जा सकती है। सभी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कमांड सेंटर में लगी स्क्रीन पर टोल्स का लाइव व्यू उपलब्ध होता है।
फास्टैग कमांड सेंटर से जोड़ने का निर्देश
बता दें कि कमांड सेंटर में लगे डैशबोर्ड पर यह देखा जा सकता है कि किस दिशा से और किस प्रकार के वाहन टोल से गुजर रहे हैं। वहां एकत्र होने वाले रेवेन्यू को रियल टाइम वॉच किया जा सकता है।उपमुख्यमंत्री ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आयेगी। टोल कर्मियों के नागरिकों के साथ व्यवहार पर भी इसके माध्यम से नजर रखी जा सकती है और आवश्यकता के अनुसार ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सभी टोलों पर फास्टैग तत्काल चालू करके फास्टैग कमांड सेंटर से जोड़ने का निर्देश दिया।
टोल नीति में सुधार के महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने टोल नीति में सुधार के महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी। उन्होंने कहा है कि टोल नियमों में किये गये इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों से टोल संवेदकों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और टोल टैक्स जुटाने की प्रक्रिया नियमित होगी, जिससे राजस्व बढ़ेगा।