IND vs SA T20: सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टी20 मुकाबले में जब तिलक वर्मा को नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते देखा गया, तो यह एक चौंकाने वाला नजारा था। मिडिल ऑर्डर में खेलने वाले तिलक का अचानक टॉप ऑर्डर में आना कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात रही। लेकिन इस फैसले के पीछे एक दिलचस्प कहानी छिपी है, जिसका खुलासा भारतीय टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने जीत के बाद किया। सूर्या के अनुसार, नंबर 3 पर खेलने का निर्णय खुद तिलक वर्मा का था, और यह उन्होंने कप्तान से अनुरोध कर लिया था। तिलक ने न केवल इस मौके का अनुरोध किया, बल्कि अपने प्रदर्शन से उसे साबित भी कर दिखाया।
तिलक ने कहा और कर दिखाया: सूर्यकुमार यादव का बयान
सूर्यकुमार यादव ने बताया कि दूसरे टी20 मैच के बाद तिलक वर्मा उनके होटल के कमरे में आए और उनसे नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने का मौका मांगा। तिलक ने सूर्या को अपने प्रदर्शन का भरोसा दिलाया और कहा कि वह इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगे। तिलक की बातों पर भरोसा करते हुए सूर्या ने उन्हें इस खास भूमिका का मौका दे दिया। इसके बाद, तीसरे टी20 में जब तिलक ने मैदान पर उतरते ही शानदार प्रदर्शन किया, तो सूर्यकुमार यादव ने इस पर खुशी जताई और कहा कि तिलक ने जो कहा, वो करके दिखाया।
कैसे तिलक ने अपने इरादे को हकीकत में बदला?
तिलक वर्मा ने मैदान पर उतरते ही अपने इरादे को साबित करना शुरू कर दिया। मैच की शुरुआत में ही ओपनर संजू सैमसन के बोल्ड होने के बाद, तीसरी गेंद पर तिलक ने क्रीज संभाली और बिना समय बर्बाद किए अपने आक्रामक अंदाज को पेश किया। तिलक ने कप्तान से की गई अपनी बातों को बखूबी निभाया और अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से सभी का ध्यान आकर्षित किया।
नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते हुए तिलक ने 56 गेंदों में नाबाद 107 रन बनाए, जिसमें 7 छक्के और 8 चौके शामिल रहे। 191.07 के स्ट्राइक रेट से खेली गई इस पारी ने न केवल टीम इंडिया को 219 रन के बड़े स्कोर तक पहुंचाया, बल्कि भारत ने दक्षिण अफ्रीका में अपने सबसे बड़े टी20 स्कोर का रिकॉर्ड भी तोड़ा। इससे पहले 2007 में टीम इंडिया ने 218 रन का स्कोर बनाया था।
तिलक की पारी और 3 बड़ी उपलब्धियां
भारत ने इस मुकाबले को 11 रन से जीतकर सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली, और इस जीत के हीरो रहे बाएं हाथ के युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा। इस शानदार प्रदर्शन से तिलक ने कप्तान सूर्यकुमार यादव का भरोसा भी जीत लिया। उनके 107 रनों की इस पारी के लिए उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का खिताब भी मिला।
तिलक वर्मा की इस पारी ने उन्हें तीन बड़ी कामयाबियां दिलाई: कप्तान का भरोसा जीतने के साथ ही उन्होंने अपनी जगह को और मजबूत किया और साथ ही नंबर तीन की पोजिशन के लिए भी खुद को भविष्य के दावेदार के रूप में स्थापित कर लिया।