Governor of Bihar:बिहार के आरिफ मोहम्मद खान होंगे नए राज्यपाल, कई राज्यों के बदले गए गवर्नर

10:56 PM Dec 24, 2024 | zoomnews.in

Governor of Bihar: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपाल पदों में बड़ा फेरबदल करते हुए कई महत्वपूर्ण नियुक्तियां की हैं। ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास का इस्तीफा स्वीकार करते हुए उनकी जगह हरिबाबू को नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही, दो अन्य राज्यों के राज्यपालों को भी बदला गया है।

राज्यपालों की नई नियुक्तियां

राष्ट्रपति ने इन राज्यों में नई नियुक्तियां की हैं:

  1. ओडिशा: रघुबर दास के स्थान पर हरिबाबू को नया राज्यपाल बनाया गया।
  2. मिजोरम: जनरल वीके सिंह को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
  3. केरल: राजेंद्र विश्वनाथ को केरल का नया राज्यपाल बनाया गया।
  4. बिहार: आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
  5. मणिपुर: पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया।

आरिफ मोहम्मद खान का स्थानांतरण

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अब बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। 6 सितंबर 2019 को केरल के राज्यपाल बने आरिफ मोहम्मद खान अपने स्पष्ट विचारों और बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। उनके बयान अक्सर चर्चा का विषय बनते हैं।

रघुबर दास: राजनीतिक वापसी की अटकलें

रघुबर दास, जो 18 अक्टूबर 2023 को ओडिशा के राज्यपाल बने थे, ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह राजनीति की मुख्य धारा में वापसी कर सकते हैं।

जनरल वीके सिंह: नई भूमिका में

मिजोरम के राज्यपाल के तौर पर जनरल वीके सिंह की नियुक्ति चर्चा का विषय है। गाजियाबाद से सांसद रह चुके जनरल वीके सिंह ने 2019 में लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की थी। हालांकि, 2024 के चुनाव में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उनके भविष्य को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही थीं।

अजय कुमार भल्ला: प्रशासन से राज्यपाल तक का सफर

पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया है। अगस्त 2024 में उनका कार्यकाल समाप्त हुआ था। असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी भल्ला को 2019 में केंद्रीय गृह सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था। उन्हें चार बार सेवा विस्तार मिला, जो उनकी दक्षता और अनुभव को दर्शाता है।

निष्कर्ष

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के इस कदम से राज्यपाल पदों पर नए चेहरों को मौका मिला है, जो भारत की प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवस्था में नई ऊर्जा लाने की उम्मीद जगाता है। इन नियुक्तियों से राज्यों में नई नीतियों और दृष्टिकोण के साथ विकास की गति तेज होने की संभावना है।