Share Market Crash: सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसके पीछे चीन से आए एचएमपीवी वायरस का प्रभाव प्रमुख कारण माना जा रहा है। कर्नाटक में दो और गुजरात में एक मामले की पुष्टि ने निवेशकों के बीच घबराहट पैदा कर दी। इस वजह से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दोनों के प्रमुख सूचकांक डेढ़ फीसदी से अधिक गिरावट के साथ बंद हुए।
गिरावट की बड़ी वजहें
हालांकि चीनी वायरस की खबर ने शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ाई, लेकिन अन्य आर्थिक कारणों ने भी गिरावट में योगदान दिया:
- रुपए में गिरावट: डॉलर के मुकाबले रुपए का कमजोर होना।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली: एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) द्वारा लगातार बिकवाली का दबाव।
- एशियाई बाजारों में गिरावट: पूरे एशिया में 1.40% की औसत गिरावट।
- फेड पॉलिसी और बजट की अनिश्चितता: आगामी आर्थिक नीतियों को लेकर अनिश्चितता।
सेंसेक्स और निफ्टी पर असर
सेंसेक्स:
सोमवार को सेंसेक्स 1,258.12 अंकों की गिरावट के साथ 77,964.99 पर बंद हुआ। यह 79,281.65 के स्तर पर खुला था और दिन के दौरान 1,441.49 अंकों की गिरावट दर्ज करते हुए 77,781.62 तक पहुंचा। बीते दो कारोबारी दिनों में सेंसेक्स 1,978.72 अंक टूट चुका है।निफ्टी:
निफ्टी में भी 388.70 अंकों की गिरावट देखी गई, और यह 23,616.05 पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी ने 23,551.90 का निचला स्तर छुआ। बीते दो दिनों में निफ्टी 572.6 अंकों की गिरावट झेल चुका है।
गिरावट और तेजी वाले प्रमुख शेयर
गिरावट:
- टाटा स्टील: 4.60% की गिरावट।
- ट्रेंट: 4.35% की गिरावट।
- बीपीसीएल और एनटीपीसी: 3.60% से अधिक की गिरावट।
- अडानी इंटरप्राइजेज: 3.61% की गिरावट।
तेजी:
- अपोलो हॉस्पिटल: 1.94% की बढ़त।
- टाटा कंज्यूमर: 1.12% की तेजी।
- टाइटन: 0.72% की बढ़त।
- एचसीएल टेक और आईसीआईसीआई बैंक: मामूली इजाफा।
निवेशकों को भारी नुकसान
इस गिरावट के चलते बीएसई का मार्केट कैप 10,98,723.54 करोड़ रुपए घटकर 4,38,79,406.58 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। शुक्रवार को यह 4,49,78,130.12 करोड़ रुपए था।
आगे का अनुमान
शेयर बाजार की दिशा अब मुख्य रूप से फेडरल रिजर्व की नीति, केंद्रीय बजट, और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में अभी और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
नतीजा
चीनी एचएमपीवी वायरस और अन्य आर्थिक कारकों ने भारतीय शेयर बाजार को झकझोर दिया है। निवेशकों को सतर्क रहने और दीर्घकालिक निवेश दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी जा रही है।