+

Petrol-Diesel Price:सरकार ने टैक्स पर किया ये बड़ा फैसला- क्या सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल?

Petrol-Diesel Price: चुनाव परिणाम से पहले आम जनता के लिए बड़ी खबर आ सकती है. सीबीआईसी यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्सेज ने विंडफॉल टैक्स कम करने का निर्णय लिया है. इस ऐलान के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी देखने को मिल सकती है.

Petrol-Diesel Price: चुनाव परिणाम से पहले आम जनता के लिए बड़ी खबर आ सकती है. सरकार ने घरेलू स्तर पर पैदा हो रहे कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 8,400 रुपए प्रति टन से घटाकर 5,700 रुपए प्रति टन कर दिया है. विंडफॉल टैक्स में पहले सरकार लगातार बढ़ोतरी कर रही थी. अब वह दूसरी बार लगातार टैक्स में कटौती कर रही है. यह टैक्स विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाया जाता है.

डीजल, पेट्रोल और जेट ईंधन या एटीएफ के निर्यात पर एसएईडी को ‘शून्य’ पर बरकरार रखा गया है. सीबीआईसी यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्सेज ने अपनी एक आदेश में कहा है कि नई दरें 16 मई से प्रभावी की जा रही हैं. बता दें कि 16 मई तक दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर है. वहीं डीजल 87.62 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है.

1 मई को आखिरी बार कम हुआ था टैक्स

बता दें कि इससे पहले लगातार टैक्स बढ़ाने के बाद पहली बार 1 मई को सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को कम करने का निर्णय लिया था. उस समीक्षा में विंडफॉल टैक्स को 9,600 रुपए प्रति टन से घटाकर 8,400 रुपए प्रति टन कर दिया गया था. इससे पहले विंडफॉल टैक्स को लगातार बढ़ाया जा रहा था. एक महीने पहले, 16 अप्रैल की समीक्षा में विंडफॉल टैक्स को 6,800 रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 9,600 रुपए प्रति टन कर दिया गया था, जबकि इस वित्त वर्ष की पहली समीक्षा में इसे 4,900 रुपए प्रति टन से बढ़ाकर 6,800 रुपए प्रति टन कर दिया गया था.

पहली बार 2022 में लगा था टैक्स

भारत ने पहली बार 1 जुलाई 2022 को विंडफॉल टैक्स लगाया था और उन देशों में शामिल हो गया जो एनर्जी कंपनियों के मुनाफे पर टैक्स लगाते हैं. इसी तरह डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंधन के निर्यात पर भी ड्यूटी लगाई गई थी. कई प्राइवेट रिफाइनर कंपनियां अधिक मुनाफा कमाने के लिए डीजल, पेट्रोल और एटीएफ की घरेलू बाजार में बिक्री न कर उनका निर्यात कर रही थीं. विंडफॉल टैक्स भी निर्यात पर लगने वाला एक प्रकार का टैक्स है. सरकार हर पखवाड़े इसकी समीक्षा करती है और अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुसार इसे घटाने या बढ़ाने का निर्णय लेती है.

facebook twitter