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Union Budget 2025:इस बजट में एग्रीकल्चर पर रहने वाला है जोर, शिवराज सिंह ने कृषि मंत्रियों के साथ की बैठक

Union Budget 2025: केंद्र कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए छह सूत्री रणनीति को लागू कर रहा है, जिसमें आईसीएआर द्वारा अनुसंधान के माध्यम से प्रति हेक्टेयर

Union Budget 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को राज्य के कृषि मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक के जरिए विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी केंद्रीय बजट के लिए कृषि क्षेत्र से जुड़ी योजनाओं को सुदृढ़ करना और उनकी प्रगति का विश्लेषण करना था। उन्होंने राज्य के मंत्रियों से केंद्र सरकार की योजनाओं पर उनके अनुभव और सुझाव साझा करने का आग्रह किया।

बैठक में वित्तवर्ष 2024-25 के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्र में 3.5 से 4 प्रतिशत की संभावित उच्च विकास दर पर संतोष व्यक्त किया गया। चौहान ने इस विकास दर को बनाए रखने के लिए राज्य सरकारों से तेज़ी से काम करने की अपील की। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की हालिया रिपोर्ट का स्वागत किया, जिसमें यह दर्शाया गया है कि ग्रामीण गरीबी दर वित्तवर्ष 2023 के 7.2 प्रतिशत से घटकर वित्तवर्ष 2024 में पांच प्रतिशत से नीचे आ गई है। यह आंकड़ा भारत के कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव का संकेत देता है।

केंद्र सरकार की छह सूत्री रणनीति

कृषि मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए छह सूत्री रणनीति पर काम कर रही है। इस रणनीति में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की भूमिका महत्वपूर्ण है, जो अनुसंधान के माध्यम से प्रति हेक्टेयर उत्पादन को बढ़ाने और नई उन्नत बीज किस्मों को जारी करने पर केंद्रित है।

सरकार की रणनीति के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

  1. उत्पादन लागत में कमी: किसानों को उत्पादन लागत घटाने के उपाय सुझाए जा रहे हैं।

  2. सूक्ष्म सिंचाई का विस्तार: फसल की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी तकनीकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

  3. कृषि मशीनीकरण: छोटे और मध्यम किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

  4. प्रौद्योगिकी का उपयोग: डिजिटल कृषि तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कृषि क्षेत्र में लागू करने पर जोर दिया जा रहा है।

  5. नई कृषि पद्धतियां: जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ फसल विविधिकरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

  6. नई बीज किस्में: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए उन्नत और जलवायु-प्रतिरोधी बीज किस्में विकसित की जा रही हैं।

प्रमुख योजनाओं में हुई प्रगति पर प्रकाश

बैठक के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र की प्रमुख योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने पीएम-किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, डीएपी उर्वरक सब्सिडी, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएमएएएसए) जैसी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।

चौहान ने बताया कि इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से ग्रामीण इलाकों में गरीबी दर में कमी आई है। पीएम-किसान योजना के तहत करोड़ों किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। फसल बीमा योजना ने किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा दी है।

कृषि क्षेत्र में निरंतर प्रगति

कृषि मंत्री ने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा, "कृषि क्षेत्र में विकास की यह गति उत्साहजनक है। हमें मिलकर काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि बजट आवंटन और नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन हो।" चौहान ने राज्य सरकारों से कृषि क्षेत्र में विकास को तेज करने के लिए और अधिक प्रयास करने का आह्वान किया।

उन्होंने आगे कहा कि हमें किसानों के लिए नए अवसर पैदा करने और उनकी आय में वृद्धि करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यों के सुझावों को केंद्रीय बजट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके।

बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी

इस वर्चुअल बैठक में कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में लागू योजनाओं की स्थिति और भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा की।

बैठक के समापन पर शिवराज सिंह चौहान ने सभी को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बजट आवंटन और नीतिगत बदलावों के माध्यम से किसानों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।

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