Jharkhand Elections: झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का चुनावी शोर सोमवार शाम को थम गया, और अब 15 जिलों की 43 सीटों पर 3 दिसंबर को मतदान होगा। इस चरण में कुल 683 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 1.37 करोड़ वोटर्स करेंगे। इस चरण की 43 विधानसभा सीटों पर मतदान होने के साथ राज्य की सत्ता की दिशा भी साफ हो जाएगी, क्योंकि यह चुनावी मुकाबला राज्य के भविष्य को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यही कारण है कि इंडिया गठबंधन और एनडीए दोनों ने पूरे जोर-शोर से चुनावी मैदान में ताकत झोंकी है।
43 सीटों में कौन सी सीटें हैं अहम?
पहले चरण में झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों से चुनावी मुकाबला हो रहा है। इन 43 सीटों में से सबसे ज्यादा 14 सीटें कोल्हान क्षेत्र की हैं, जबकि 13 सीटें दक्षिणी छोटानागपुर, 9 सीटें पलामू और 7 सीटें उत्तरी छोटानागपुर क्षेत्र की हैं। इन सीटों में से 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जबकि 6 सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं, और बाकी 17 सीटें सामान्य हैं।
राजनीतिक दांव पर कौन-कौन सी पार्टी हैं?
पहले चरण के चुनाव में प्रमुख मुकाबला बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच है। एनडीए में बीजेपी के अलावा आजसू, जेडीयू और एलजेपी (आर) शामिल हैं, जबकि इंडिया गठबंधन में जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और वाम दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इस चरण में जेएमएम ने 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, और आरजेडी ने 5 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। वहीं, एनडीए में बीजेपी 36 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतार रही है, आजसू ने 4 सीटों पर, जदयू ने 2 और लोजपा (आर) ने एक सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
पिछले चुनाव से तुलना और इस बार के दांव पर
2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम और कांग्रेस ने मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाई थी, जिसमें जेएमएम ने 17 सीटें और कांग्रेस ने 8 सीटें जीती थीं। वहीं, बीजेपी ने 13 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार बीजेपी ने गठबंधन को मजबूत करते हुए आजसू, जेडीयू और लोजपा (आर) को साथ लिया है। अब पहले चरण की 43 सीटों पर यह राजनीतिक परीक्षा होगी कि महागठबंधन अपनी सत्ता को बनाए रख पाता है या बीजेपी सत्ता में वापसी करती है। बीजेपी की नजर खासतौर पर आदिवासी वोटरों पर है, जिन्हें वह अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही है।
पहले चरण के प्रमुख उम्मीदवार और सीटें
पहले चरण में झारखंड की कुछ प्रमुख सीटों पर बड़े राजनीतिक चेहरे चुनावी मैदान में हैं। सरायकेला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। जमशेदपुर पूर्वी में कांग्रेस के अजय कुमार और बीजेपी की पूर्णिमा दास के बीच मुकाबला है। रांची सीट पर 1996 से विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह (सीपी सिंह) का मुकाबला जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ माजी से है। जगन्नाथपुर में बीजेपी की उम्मीदवार गीता कोड़ा का सामना कांग्रेस के सोना राम सिंकू से होगा। वहीं, जमशेदपुर पश्चिम में कांग्रेस के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और जदयू नेता सरयू रॉय के बीच टक्कर है।
पहले चरण के मतदान की तैयारी
पहले चरण के मतदान के लिए सभी चुनावी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 3 दिसंबर को सुबह 7 बजे से मतदान शुरू होगा और 43 सीटों के लिए कुल 15,344 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे। इस चरण के लिए 1 करोड़ 37 लाख 10 हजार 717 वोटर अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे, जिसमें 68 लाख 73 हजार 455 पुरुष, 68 लाख 36 हजार 959 महिला और 303 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रवि कुमार ने सभी मतदान केंद्रों पर आवश्यक व्यवस्थाओं को पूरा करने का दावा किया है। वेब कास्टिंग की सुविधा सहित सभी मतदान केंद्रों पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है। इस चुनाव में बीजेपी और जेएमएम के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है, जबकि कांग्रेस के लिए भी यह एक अग्निपरीक्षा साबित हो सकती है।
सत्ता का दारोमदार पहले चरण पर
इस पहले चरण की वोटिंग से ही झारखंड की राजनीति का रुख साफ हो जाएगा। चुनावी समीकरण की इस शुरुआती लड़ाई में किसे जीत मिलती है, यह राज्य की आगामी राजनीति को प्रभावित करेगा। अब 3 दिसंबर को मतदान के बाद परिणामों की ओर सबकी निगाहें लगी रहेंगी।