Petrol-Diesel Rate: साल खत्म होने से पहले ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी ने आम आदमी की चिंताएं बढ़ा दी हैं। क्रिसमस के अगले दिन, गुरुवार को, सरकारी तेल कंपनियों ने कई शहरों में ईंधन के दामों में इजाफा कर दिया। हालांकि, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख महानगरों में कीमतें स्थिर रहीं। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में मामूली वृद्धि को इस बढ़ोतरी का कारण बताया गया है।
पटना में सबसे ज्यादा असर
बिहार की राजधानी पटना में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पेट्रोल 53 पैसे महंगा होकर 106.11 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया, जबकि डीजल की कीमत 51 पैसे बढ़कर 92.92 रुपए प्रति लीटर हो गई।
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में पेट्रोल 7 पैसे महंगा होकर 95.05 रुपए प्रति लीटर और डीजल 6 पैसे बढ़कर 88.19 रुपए प्रति लीटर हो गया। वहीं, गाजियाबाद में पेट्रोल 26 पैसे महंगा होकर 94.70 रुपए प्रति लीटर और डीजल 30 पैसे बढ़कर 87.81 रुपए प्रति लीटर हो गया।
दिल्ली-मुंबई में कीमतें स्थिर
दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख महानगरों में कीमतें स्थिर रहीं। दिल्ली में पेट्रोल 96.65 रुपए और डीजल 89.82 रुपए प्रति लीटर पर बिक रहा है। मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपए और डीजल 94.27 रुपए प्रति लीटर के भाव पर उपलब्ध है।
चेन्नई में पेट्रोल 102.63 रुपए और डीजल 94.24 रुपए प्रति लीटर जबकि कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपए और डीजल 92.76 रुपए प्रति लीटर के भाव पर बेचा जा रहा है।
वैश्विक बाजार का असर
पिछले 24 घंटे में ब्रेंट क्रूड की कीमत 73.58 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई का रेट 70.29 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वैश्विक बाजार में यह मामूली उछाल भारत में ईंधन कीमतों पर सीधे असर डाल रहा है।
हर दिन बदलते हैं दाम
पेट्रोल और डीजल के दाम हर दिन सुबह 6 बजे अपडेट होते हैं। एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और वैट जोड़ने के बाद इनकी कीमतें उपभोक्ताओं तक पहुंचती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में छोटे बदलाव भी भारतीय उपभोक्ताओं पर बड़ा असर डालते हैं।
आम आदमी पर असर
तेल की कीमतों में इस वृद्धि से आम आदमी की जेब पर सीधा बोझ पड़ेगा। परिवहन और आवश्यक वस्तुओं की लागत में वृद्धि की संभावना है। किसानों और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
क्या होगा आगे?
वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें किस दिशा में जाती हैं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। अगर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि जारी रही, तो भारत में ईंधन की कीमतों पर और असर पड़ सकता है। सरकार और तेल कंपनियों की ओर से कोई राहत मिलने की संभावना पर भी नजर बनी रहेगी।
आम उपभोक्ताओं के लिए यह समय बजट को संभालने और वैकल्पिक उपायों पर विचार करने का है। सरकार से उम्मीद है कि वह इस स्थिति में राहत देने के लिए कदम उठाएगी।