Budget 2024: इस महीने भारत सरकार देश का पूर्ण बजट पेश करने जा रही है. इसमें कुछ रिपोर्ट के हवाले से यह उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार फ्यूचर एंड ऑप्शन (एफ एंड ओ) से होने वाली कमाई पर टैक्स में बदलाव का प्रस्ताव ला सकती है, जिसका उद्देश्य डेरिवेटिव ट्रेडिंग में खुदरा भागीदारी को हतोत्साहित करना है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार बजट में विभिन्न विकल्पों के साथ-साथ एफ एंड ओ ट्रेडिंग से होने वाली आय को बिजनेस इनकम की कैटेगरी से सट्टा इनकम में बदलने पर विचार कर सकती है. इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में सोर्स पर टैक्स कटौती (टीडीएस) शुरू करने का भी प्रस्ताव कर सकती हैं.
सरकार इसे मान सकती है सट्टा
सरकार और नियामक डेरिवेटिव बाजार में खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को लेकर काफी समय से चिंतित हैं. कहा जा रहा है कि ऐसी आशंका है कि अगर बाजार में गिरावट आती है, तो रिटेल निवेशकों को काफी नुकसान हो सकता है, जिससे कुल मिलाकर धारणाओं में गिरावट आएगी. F&O लेनदेन से होने वाली इनकम पर अब व्यावसायिक आय के रूप में टैक्स लगाया जाता है. इस इनकम को बिजनेस या वेतन आय में जोड़ा जाता है और फिर लागू टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है.
इससे क्या निवेशकों पर कितना असर?
हालांकि, अगर F&O से होने वाली कमाई को ‘व्यावसायिक आय’ से बदलकर ‘सट्टा आय’ कर दिया जाता है, तो इसे लॉटरी या क्रिप्टो निवेश के बराबर माना जाएगा. इस कदम से किसी अन्य नुकसान के विरुद्ध लाभ की भरपाई करने का लाभ भी समाप्त हो सकता है. वर्तमान नियमों के अनुसार, F&O लेनदेन से होने वाले लाभ को अन्य व्यवसायों में होने वाले नुकसान से ऑफसेट किया जा सकता है और इसके विपरीत. ‘सट्टा आय’ में जाने से यह बदल जाएगा और F&O ट्रेडिंग से होने वाले नुकसान को केवल F&O ट्रेडिंग से होने वाले लाभ से ऑफसेट किया जा सकता है.
लग सकता है 30% का टैक्स
अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार एफएंडओ आय पर टीडीएस भी लागू किया जा सकता है, जैसा कि बजट 2023-24 में क्रिप्टोकरेंसी पर लागू किया गया था. ध्यान देने वाली बात यह है कि टीडीएस के रूप में भुगतान की गई राशि का दावा केवल रिटर्न दाखिल करते समय ही किया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य विकल्पों में क्रिप्टो करेंसी की तरह एफएंडओ आय पर सीधे 30% टैक्स लगाना शामिल है.