India-Canada Relations: कनाडा में नगर कीर्तन में विवादास्पद तस्वीरों को लेकर भारत ने विरोध जताया है. कनाडा सरकार पर हिंसा का ‘जश्न मनाने और महिमामंडन’ करने की अनुमति देने का आरोप लगाया. ट्रूडो सरकार से दो टूक कहा है कि कनाडा में कट्टरपंथियों को पनाह देना बंद करें. हिंसा का महिमामंडन किसी भी सभ्य समाज का हिस्सा नहीं होना चाहिए.
दरअसल, ओंटारियो के माल्टन में विवादास्पद और खालिस्तान समर्थक झांकी निकाली गई थी. इसको लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत कनाडा में अपने राजनयिक प्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. उम्मीद करता है कि ओटावा यह सुनिश्चित करेगा कि बिना किसी भय के अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें.
‘हमने बार-बार गहरी चिंता जताई है’
उन्होंने कहा, हमने कनाडा में चरमपंथी तत्वों द्वारा हमारे राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ इस्तेमाल की जा रही हिंसक तस्वीरों को लेकर बार-बार अपनी गहरी चिंता जताई है. पिछले साल हमारी पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या को दर्शाने वाली एक झांकी का इस्तेमाल जुलूस में किया गया था. जायसवाल ने कहा कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों के पोस्टर भी लगाए गए हैं. इनमें उनके खिलाफ हिंसा की धमकी दी गई है. हिंसा का जश्न मनाना और उसका महिमामंडन करना किसी भी सभ्य समाज का हिस्सा नहीं होना चाहिए.
‘इस तरह की अनुमति नहीं देनी चाहिए’
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देशों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कट्टरपंथी तत्वों को इस तरह की अनुमति नहीं देनी चाहिए. बताते चलें कि पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री ट्रूडो ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोप लगाए थे.
इसके बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव देखने को मिला था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया था. पिछले हफ्ते कनाडा के अधिकारियों ने तीन भारतीय नागरिकों पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था. बताया जाता है कि वो छात्र वीजा पर कनाडा पहुंचे थे.