Border-Gavaskar Trophy: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला मुकाबला 22 नवंबर से पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में शुरू होगा। लेकिन भारतीय टीम को इस मुकाबले में अपने नियमित कप्तान रोहित शर्मा के बिना खेलना होगा। रोहित ने निजी कारणों से पहला टेस्ट न खेलने का फैसला किया है, जिससे टीम इंडिया के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।
रोहित शर्मा को जिंदगी की सबसे बड़ी खुशखबरी
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और उनकी पत्नी रितिका सजदेह के घर 15 नवंबर को बेटे का जन्म हुआ। यह खुशखबरी रोहित ने 16 नवंबर को सोशल मीडिया पर साझा की, जिसके बाद फैंस और क्रिकेट जगत से उन्हें बधाइयां मिलने लगीं। यह उनके परिवार के लिए बेहद खास समय है, और रोहित ने इस दौरान अपने परिवार के साथ रहने का निर्णय लिया है।
पहले टेस्ट में रोहित नहीं होंगे उपलब्ध
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने रोहित के फैसले का सम्मान करते हुए उन्हें पहले टेस्ट से ब्रेक की अनुमति दी है। बोर्ड सूत्रों के अनुसार, रोहित ने पहले ही बोर्ड को सूचित कर दिया था कि उनके दूसरे बच्चे के जन्म की संभावित तारीख पर्थ टेस्ट के आसपास है। यही कारण है कि वह ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होने वाले शुरुआती बैच का हिस्सा नहीं थे।
जसप्रीत बुमराह संभालेंगे कमान
रोहित की गैरमौजूदगी में तेज गेंदबाज और उप-कप्तान जसप्रीत बुमराह टीम की कमान संभालेंगे। यह पहली बार होगा जब बुमराह टेस्ट मैच में भारत की कप्तानी करेंगे। उनकी नेतृत्व क्षमता पर सबकी नजरें होंगी, खासकर ऑस्ट्रेलिया जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ।
ओपनिंग में नई चुनौती
रोहित शर्मा की अनुपस्थिति से टीम इंडिया के लिए ओपनिंग संयोजन का सिरदर्द बढ़ गया है। केएल राहुल और अभिमन्यु ईश्वरन में से किसी एक को ओपनिंग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। राहुल का अनुभव उनके पक्ष में जा सकता है, जबकि अभिमन्यु घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के दम पर दावा ठोक रहे हैं।
रोहित की संभावित वापसी
रोहित शर्मा 6 दिसंबर से एडिलेड में खेले जाने वाले डे-नाइट टेस्ट में वापसी कर सकते हैं। यह मुकाबला गुलाबी गेंद से खेला जाएगा, और रोहित की उपस्थिति टीम के लिए बड़ी ताकत होगी।
टीम इंडिया के लिए अहम सीरीज
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भारतीय टीम के लिए न केवल प्रतिष्ठा का सवाल है, बल्कि यह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। रोहित की गैरमौजूदगी में युवा खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का बड़ा मौका मिलेगा।
नजरें बुमराह की कप्तानी पर
बुमराह का नेतृत्व और उनके फैसले पर्थ टेस्ट में निर्णायक साबित हो सकते हैं। भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की धार ऑस्ट्रेलिया को चुनौती देने के लिए तैयार है, लेकिन बल्लेबाजी क्रम की स्थिरता पर बड़ा सवाल है।
रोहित की गैरहाजिरी भले ही टीम इंडिया के लिए मुश्किलें लेकर आए, लेकिन यह उन खिलाड़ियों के लिए खुद को साबित करने का मौका भी है जो लंबे समय से इस मौके का इंतजार कर रहे थे।