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Pakistan News:आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान का आतंकियों ने ही कर दिया बुरा हाल, बौखलाए सेना प्रमुख

Pakistan News: पाकिस्तान में लगातार हो रही आतंकी घटनाओं से सेना भी आजिज आ चुकी है। पाक सेना प्रमुख ने टीटीपी के आतंकियों के प्रति अपनी झल्लाहट व्यक्त की है।

Pakistan News: पाकिस्तान, जो कभी आतंकवादियों का समर्थन और पोषण करता था, अब खुद उसी आतंकवाद के जाल में फंस चुका है। नित-नए आतंकी हमले और घटनाओं ने पाकिस्तान को गंभीर संकट में डाल दिया है, और अब तो स्थिति यह हो गई है कि पाकिस्तानी सेना भी आतंकवादियों के खिलाफ मोर्चा लेते-लेते परेशान हो चुकी है। हालात यह हैं कि अब आतंकवाद पाकिस्तान के लिए एक गंभीर संकट बन चुका है, और उसकी सेना इस चुनौती से निपटने में असमर्थ दिखाई दे रही है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान का सामना अब केवल आतंकवादियों से नहीं, बल्कि आतंकवादियों के एक वैश्विक नेटवर्क से है।

आतंकवाद का केंद्र बना पाकिस्तान

पाकिस्तान की सेना के शीर्ष अधिकारी जनरल असीम मुनीर ने शुक्रवार को 'मर्गल्ला डायलॉग 2024' के विशेष सत्र में अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान के भीतर सक्रिय आतंकवादी संगठन अब अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों के लिए एक केंद्र बन चुके हैं। विशेष रूप से, पाकिस्तान में सक्रिय 'तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान' (टीटीपी) को उन्होंने वैश्विक आतंकवादियों के लिए एक बड़ा खतरा बताया। जनरल मुनीर ने कहा, "टीटीपी का आतंकवाद अब सभी वैश्विक आतंकवादी संगठनों और उनके छद्म संगठनों के लिए एक केंद्र बन गया है, जो पाकिस्तान के लिए और उसके पड़ोस के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।"

इस बयान में उन्होंने पाकिस्तान की बढ़ती आतंकवाद की समस्या पर जोर दिया और इस पर चिंता जताई कि आतंकवादियों के छिपने और संचालित होने का मुख्य स्थान अब पाकिस्तान बन चुका है। इससे पहले, पाकिस्तान अक्सर आतंकवादियों को अपने देश में पनाह देने और उन्हें समर्थन देने का आरोप झेलता रहा है, लेकिन अब यही आतंकवाद उनके लिए एक बुरे सपने में तब्दील हो गया है।

सीमा सुरक्षा की बढ़ती चुनौती

जनरल मुनीर ने इस मौके पर पश्चिमी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान की परेशानियों को भी उजागर किया। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने अपनी पश्चिमी सीमा को सुरक्षित करने के लिए व्यापक सीमा प्रबंधन व्यवस्था लागू की है, लेकिन इसके बावजूद आतंकवादी घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।" पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा, जो अफगानिस्तान से जुड़ी हुई है, अब आतंकवादियों के लिए एक प्रवेश द्वार बन चुकी है, और यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

उनके अनुसार, पाकिस्तान को उम्मीद थी कि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार अपनी धरती पर आतंकवादियों के सक्रिय होने पर रोक लगाएगी, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। मुनीर का मानना है कि अगर अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता की कोई उम्मीद है, तो उसे आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी।

पाकिस्तान की दुविधा: आतंकवादियों को पालने का परिणाम

यह स्थिति पाकिस्तान के लिए एक बड़ी दुविधा बन चुकी है। पाकिस्तान ने पहले अपनी धरती पर आतंकवादियों को पनाह दी थी, और अब यही आतंकवादी पाकिस्तान के लिए एक गंभीर खतरा बन गए हैं। पाकिस्तान की सेना, जो खुद आतंकवादियों के खिलाफ लड़ने का दावा करती है, अब उसी आतंकवाद का शिकार हो गई है। टीटीपी और अन्य आतंकवादी संगठन अब पाकिस्तान के लिए न केवल एक आंतरिक सुरक्षा संकट बन चुके हैं, बल्कि ये वैश्विक स्तर पर भी पाकिस्तान की छवि को प्रभावित कर रहे हैं।

पाकिस्तान के लिए अब यह स्पष्ट हो चुका है कि आतंकवाद को केवल एक साधारण सुरक्षा समस्या के रूप में नहीं लिया जा सकता। इसके लिए एक व्यापक और सख्त रणनीति की आवश्यकता है, और यह जरूरी हो गया है कि पाकिस्तान अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ और भी कठोर कदम उठाए।

भविष्य की राह

पाकिस्तान के लिए आगे की राह बेहद कठिन है। यदि वह अपनी सीमा सुरक्षा को पुख्ता करता है और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करता है, तो यह उसके लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्र के लिए भी लाभकारी हो सकता है। लेकिन, पाकिस्तान को यह समझने की आवश्यकता है कि आतंकवाद से निपटने के लिए केवल सैन्य कार्रवाई से काम नहीं चलेगा, बल्कि यह एक बहुआयामी प्रयास होगा जिसमें कूटनीतिक, सामाजिक और आर्थिक उपायों को भी शामिल करना होगा।

पाकिस्तान के लिए यह समय अपने पुराने गठबंधनों को फिर से आंकने और अपने आतंकवादियों को लेकर नीति में बदलाव करने का है। यदि पाकिस्तान इस चुनौती का सही तरीके से सामना करने में सफल होता है, तो न केवल उसकी आंतरिक स्थिति में सुधार हो सकता है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति की दिशा में भी सकारात्मक कदम उठाया जा सकता है।

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