Puri Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ पुरी में रथयात्रा के दौरान बड़ा हादसा हो गया है. रथयात्रा में प्रभु बलभद्र का रथ खींच रहे लोगों में अचानक से भगदड़ मच गई जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई है. वहीं करीब 400 श्रद्धालु इस हादसे में घायल बताए जा रहे हैं. सामने आई जानकारी के मुताबिक भगवान जगन्नाथ के रथ को चलाया जा रहा था उसी वक्त भक्त आपस में खींच तान करने लगे और इसकी वजह से भगदड़ जैसे हालत बन गए. फिलहाल घायल श्रद्धालुओं का इलाज किया जा रहा है.
हर साल की तरह इस साल भी ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ यात्रा रविवार को निकाली जा रही थी. रथयात्रा की सभी तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गईं थीं. सुबह पूजन और विधि विधान से रथयात्रा शुरू की गई. रथयात्रा में शामिल होने के लिए इस साल भी देश-दुनिया के लाखों लोग पहुंचे हुए थे. तीनों रथों के आस-पास भारी संख्या में श्रद्धालु रथ खींचने की होड़ में जुट गए. देर शाम प्रभु जगन्नाथ जी के नंदीघोष रथ को खींचा जा रहा था. इसी दौरान भगदड़ मच गई और करीब 400 लोग घायल हो गए. वहीं बताया जा रहा है कि बलभद्र जी के रथ के नीचे आने से एक श्रद्धालु की दम घुटने से मौत हो गई.
श्रद्धालु हॉस्पिटल में भर्ती
आनन-फानन में घायल श्रद्धालुओं को हॉस्पिटल पहुंचाया गया है. फिलहाल सामने आई जानकारी के मुताबिक 50 से ज्यादा श्रद्धालुओं को इलाज के बाद हॉस्पिटल से फ्री कर दिया गया है. जिस श्रद्धालु की दम घुटने की वजह से मौत हुई है वह ओडिशा के बाहर का बताया जा रहा है.
बलभद्र का रथ खींचे जाने के दौरान हुआ हादसा
पुरी रथ यात्रा में प्रभु बलभद्र का रथ खींचे जाने के दौरान हादसा हुआ। इस दौरान एक व्यक्ति जमीन गिर गया। जमीन पर गिरने के कारण भक्त की मौत हो गई। इस दौरान हल्की भगदड़ मचने से 15 लोग घायल हो गए। इस बार भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ दो दिन में मौसी के घर पहुंचेंगे। मान्यता के अनुसार यहां भगवान कई तरह के पकवान खाते हैं, जिससे उनकी तबीयत खराब हो जाती है। पुरी की रथ यात्रा का धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से 100 यज्ञ कराने के बराबर पुण्य मिलता है। इस वजह से बड़ी संख्या में भक्त इस रथ यात्रा में शामिल होते हैं।
रथ को खींचने की है मान्यता
यह हादसा पुरी के बाबा डांडा रोड पर हुआ है, जहां पर हर साल रथयात्रा आयोजित की जाती है. रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के बीच रथ को आगे खींचने की मान्यता है इसी वजह से ज्यादा से ज्यादा लोग रथ को खींचने का प्रयास करते हैं. लाखों लोगों के इकट्ठा होने और रथ को खींचने के दौरान ही भगदड़ के हालात बन गए और कई लोगों का दम घुट गया जिससे लोगों की तबीयत खराब हो गई.
2 घंटे पहले जगे भगवान
मान्यता के अनुसार स्नान पूर्णिमा पर स्नान के बाद भगवान बीमार हो जाते हैं। इस साल भी स्नान पूर्णिमा के बाद भगवान ठीक हो चुके हैं। रथयात्रा शुरू होने से पहले होने वाली रस्में रविवार को ही हो रही हैं। जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा दोपहर 2.30 बजे अपने-अपने रथ में विराजमान हुए। जगन्नाथ मंदिर के पंचांगकर्ता डॉ. ज्योति प्रसाद ने बताया कि भगवान को आम दिनों से 2 घंटे पहले जगाया गया और मंगला आरती सुबह 4 की बजाय तड़के 2 बजे हुई। मंगला आरती के बाद करीब 2.30 बजे दशावतार पूजन हुआ। 3 बजे नैत्रोत्सव और 4 बजे पुरी के राजा की तरफ से पूजा की गई। सुबह 5.10 बजे सूर्य पूजा और करीब 5.30 बजे द्वारपाल पूजा हुई। सुबह 7 बजे भगवान को खिचड़ी भोग-प्रसाद लगाया गया।