SCO Summit 2024: पाकिस्तान में 15 और 16 अक्टूबर को होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में पड़ोसी देश के निमंत्रण को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वीकार कर लिया है। मगर अब जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की ओर से विदेश मंत्री के लिए एक और अजीबोगरीब न्योता आया है। इसमें पीटीआई के नेताओं ने जयशंकर को पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता भेजा है। पीटीआई के इस प्रस्ताव से हर कोई हैरान है।
बता दें कि पीटीआई के एक नेता ने विदेश मंत्री एस.जयशंकर को पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ इस्लामाबाद में पार्टी के विरोध प्रदर्शन में “शामिल” होने के लिए आमंत्रित किया है। जयशंकर 15 और 16 अक्टूबर को पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन के शासनाध्यक्ष परिषद (एससीओ-सीएचजी) की बैठक में भाग लेने वहां जा रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मुहम्मद अली सैफ ने शुक्रवार को जियो न्यूज के एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
जानें जयशंकर को क्यों दिया न्योता
सैफ ने एक सवाल के जवाब में कहा, “पीटीआई भारत के विदेश मंत्री जयशंकर को आमंत्रित करेगी कि वे आएं और पार्टी के विरोध प्रदर्शन में शामिल हों। हमारे लोगों से बात करें और देखें कि पाकिस्तान में एक मजबूत लोकतंत्र है, जहां हर किसी को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है।” उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी प्रतिनिधिमंडल पार्टी के विरोध प्रदर्शन को देखकर खुश होंगे। पीटीआई विरोध प्रदर्शन कर रही है और दावा कर रही है कि सरकार को संविधान का पालन करना चाहिए और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर जोर देना चाहिए। पार्टी अपने 72 वर्षीय संस्थापक खान की रिहाई की भी मांग कर रहा है, जिन्हें एक साल से अधिक समय से जेल में रखा गया है। खान पांच अगस्त, 2023 को अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं।
दर्जनों मामलों का सामना कर रहे खान को उनमें से कुछ में दोषी ठहराया गया है। शनिवार को डी-चौक पर खान द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना के जवानों को तैनात किया गया था। आगामी एससीओ के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना पांच से 17 अक्टूबर तक शहर में रहेगी। अधिकारियों ने पीटीआई कार्यकर्ताओं को इस्लामाबाद में प्रवेश करने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, शहर की ओर जाने वाले सभी राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया है तथा मोबाइल फोन सेवाएं निलंबित कर दी गयी हैं।