Gautam Gambhir: मेलबर्न टेस्ट में हार के बाद टीम इंडिया के भीतर की समस्याएं उजागर हो रही हैं। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का दावा है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत से ही भारतीय टीम के भीतर सामंजस्य की कमी और खिलाड़ियों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। पर्थ टेस्ट जीतने के बावजूद टीम ने एकजुट होकर जश्न नहीं मनाया, बल्कि खिलाड़ी अलग-अलग समूहों में बंटे नजर आए।
बंटी हुई टीम इंडिया
लेखक और कमेंटेटर भारत सुंदरेसन ने एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार में अपने कॉलम के जरिए भारतीय टीम की मौजूदा स्थिति पर कई अहम बातें लिखी हैं। उन्होंने कहा कि यह भारतीय टीम खंडित नहीं दिखती, लेकिन अंदरूनी तौर पर निश्चित रूप से खंडित है। मेलबर्न में हार के बाद यह स्थिति और स्पष्ट हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि दौरे की शुरुआत से ही टीम में बेचैनी और अनिश्चितता के संकेत मिल रहे थे।
गंभीर के नेतृत्व में डर का माहौल
सुंदरेसन ने टीम इंडिया के एक रिजर्व खिलाड़ी के हवाले से बताया कि उसने उनसे उदासी भरे लहजे में कहा, "कोई भी मुझसे कुछ नहीं कहता - न टीम मैनेजमेंट, न कप्तान और न ही कोच। मुझे नहीं पता कि टीम में क्या चल रहा है।" यह बयान टीम के भीतर संवाद की कमी को उजागर करता है।
मेलबर्न टेस्ट के बाद सिडनी टेस्ट से पहले गौतम गंभीर की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने भी इस अनिश्चितता को और बढ़ा दिया। सुंदरेसन के अनुसार, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गंभीर ने कप्तान रोहित शर्मा को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने केवल इतना कहा कि "हम खेलेंगे।" इससे खिलाड़ियों में असमंजस और तनाव की स्थिति पैदा हो गई।
संवादहीनता से उपजी समस्याएं
टीम इंडिया के भीतर संवाद की कमी को एक बड़ी समस्या के रूप में देखा जा रहा है। गंभीर की ओर से सही समय पर सही जानकारी नहीं मिलने से खिलाड़ियों के बीच भ्रम की स्थिति है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया का यह भी कहना है कि गंभीर के नेतृत्व में खिलाड़ियों में पहले जैसा भरोसा और सम्मान नहीं दिखता है।
शास्त्री और द्रविड़ के कार्यकाल की सराहना
रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ के कार्यकाल में खिलाड़ियों के साथ उनके संबंधों की ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने प्रशंसा की है। उनके समय में टीम के खिलाड़ियों के बीच संवाद और सम्मान का माहौल था। हालांकि गंभीर के कार्यकाल में यह समीकरण बदलता नजर आ रहा है।
टीम की स्थिति पर चिंता
टीम इंडिया की मौजूदा स्थिति को लेकर क्रिकेट विशेषज्ञों और फैंस के बीच चिंता का माहौल है। सामूहिक प्रदर्शन और एकता की कमी के चलते टीम को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मेलबर्न टेस्ट में मिली हार ने इन समस्याओं को और गहरा कर दिया है।
भविष्य में भारतीय टीम को बेहतर प्रदर्शन के लिए आपसी संवाद और टीम भावना को मजबूत करना होगा। कोचिंग स्टाफ को खिलाड़ियों के साथ खुलकर बातचीत करनी होगी ताकि भ्रम और अनिश्चितता की स्थिति को खत्म किया जा सके। यदि यह नहीं हुआ, तो आगामी मैचों में टीम को और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
This is not so much an Indian team that’s fractured but it’s surely fragmented & signs of unease & uncertainty have been simmering from the start of the tour before surfacing after the MCG loss. Mt column in the @australian #AusvInd https://t.co/qCLB2AEUQb pic.twitter.com/kNLZOqrvps
— Bharat Sundaresan (@beastieboy07) January 2, 2025