IND vs ENG: राजकोट के मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले के पहले दिन का खेल भारतीय टीम के नाम पर कहा जा सकता है। दिन का अंत होने पर टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में 5 विकेट के नुकसान पर 326 रन बना लिए थे। वहीं तीसरे टेस्ट में भारतीय टेस्ट टीम की प्लेइंग 11 का हिस्सा बनने वाले सरफराज खान के बल्ले से 62 रनों की पारी देखने को मिली, हालांकि वह रन आउट होकर दिन का खेल खत्म होने से ठीक पहले पवेलियन लौट गए। वहीं अब सरफराज खान ने इसको लेकर पहला बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इसे खेल का एक हिस्सा बताया।
ऐसा खेल में होता रहता है
सरफराज खान ने राजकोट टेस्ट मैच के पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस वार्ता में अपने रन आउट को लेकर कहा कि यह खेल का हिस्सा है। क्रिकेट में इस तरह के पल कई बार देखने को मिलते हैं। कभी-कभी आप रन आउट होते हैं और कभी-कभी आपको रन भी मिलते हैं। मैंने लंच के समय जडेजा से बात की थी और उनके कहा था कि वह खेलते समय मेरे साथ बात करते रहें। मुझे खेलते हुए बातें करना पसंद है। मैंने उनसे कहा कि जब मैं बल्लेबाजी के लिए जाऊं तो खेलते हुए मेरे साथ बात करते रहें। वह बात करते रहे और बल्लेबाजी करते हुए मेरा काफी समर्थन भी किया।
मैं शुरुआती कुछ गेंदों पर नर्वस था
रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा के बीच राजकोट टेस्ट के मैच के पहले दिन चौथे विकेट के लिए 204 रनों की साझेदारी देखने को मिली थी। इस दौरान सरफराज खान जो लगभग 4 घंटे अपनी बल्लेबाजी के लिए इंतजार करना पड़ा था। इसको लेकर सरफराज ने कहा कि क्रीज पर उतरने के बाद मैं शुरुआती कुछ गेंदों पर नर्वस था लेकिन मैंने इतना अधिक अभ्यास और कड़ी मेहनत की है कि सब कुछ सही रहा। वहीं उन्होंने आगे पिता के मैदान पर मौजूद होने को लेकर कहा कि भारत के लिए खेलना मेरे पिता का सपना था लेकिन दुर्भाग्य से किन्हीं कारणों से ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने मेरे ऊपर कड़ी मेहनत की और अब मेरे भाई के साथ ऐसा ही कर रहे हैं। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा पल है। रन और प्रदर्शन मेरे दिमाग में उतना नहीं था जितना मैं अपने पिता के सामने भारत के लिए खेलने को लेकर खुश था।