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Indian Overseas Congress:सैम पित्रोदा की हुई वापसी, फिर बने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष

Indian Overseas Congress: चुनाव खत्म होते ही एक बार फिर से सैम पित्रोदा की वापसी हो गई है। कांग्रेस ने एक बार फिर से उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है।

Indian Overseas Congress: अक्सर विवादों में रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा एक बार फिर से चर्चा में हैं। दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने सैम पित्रोदा को एक बार फिर से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है। पित्रोदा की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से की गई है। आपको बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान सैम पित्रोदा के विवादित बयानों पर काफी हंगामा मचा था। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, चुनाव के परिणाम आने के कुछ ही दिनों बाद एक बार फिर से सैम पित्रोदा की उनके पद पर वापसी हो गई है।

पूर्वोत्तर के लोगों तो चीन वालों की तरह बताया था

सैम पित्रोदा ने चुनाव के दौरान भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को लेकर अजीब बयान दिया था। भारत की विविधता पर चर्चा करते हुए उन्होंने दक्षिण भारतीय लोगों की तुलना अफ्रीकी और पूर्वोत्तर भारतीय लोगों की तुलना चीनी लोगों से कर दी थी। पित्रोदा ने ये भी कहा है कि पश्चिमी भारत के लोग अरब जैसे दिखाई देते हैं। वहीं, उत्तर में लोग गोरों जैसे दिखते हैं। 

कांग्रेस ने पल्ला झाड़ा था

सैम पित्रोदा द्वारा दिए गए विवादित बयानों से कांग्रेस ने अपना पल्ला झाड़ लिया था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि सैम पित्रोदा द्वारा भारत की अनेकता को जो उपमाएं दी गई हैं वो बिल्कुल गलत, दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा था की कांग्रेस इन उपमाओं से खुद को पूर्ण रूप से अलग करती है और इसका खंडन करती है।

विरासत टैक्स की सलाह भी दी थी

कांग्रेस के थिंक टैंक और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रौदा ने भारत में विरासत की संपत्ति में टैक्स लगाने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका में इस तरह का कानून है। सैम ने कहा था कि अमेरिका में कोई भी शख्स 45 प्रतिशत संपत्ति अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है। 55 प्रतिशत हिस्सा सरकार ले लेती है। पित्रौदा ने कहा कि आपने अपनी पीढ़ी के लिए संपत्ति बनाई है। आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है। उन्होंने कहा कि भारत में इस तरह का कानून नहीं है लेकिन ऐसा नियम यहां भी बनना चाहिए। 

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