Munich Conference: जर्मनी के म्यूनिख में लंबे समय बाद भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की संक्षिप्त मुलाकात हुई है। म्यूनिख में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से एस जयशंकर ने बेहद बातचीत भी की। बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी शनिवार को जर्मनी के म्यूनिख में छह महीने में पहली बार आमने-सामने हुए। इसके बाद म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के इतर महीनों में पहली बार दोनों नेताओं को एक संक्षिप्त बातचीत करते देखा गया। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच छह महीने तक कोई संपर्क नहीं होने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी को रास्ते पार करते और थोड़ी बातचीत करते देखा गया।
VIDEO | External Affairs Minister Dr S Jaishankar (@DrSJaishankar) had a brief interaction with his Chinese counterpart Wang Yi earlier today on the sidelines of the Munich Security Conference.#MunichSecurityConference pic.twitter.com/GLMdBnEDp4
— Press Trust of India (@PTI_News) February 17, 2024
इन दोनों नेताओं के बीच बातचीत तब हुई जब वांग मंच से जा रहे थे और एस जयशंकर मंच पर थे। एस जयशंकर ने वांग यी के साथ कुछ सेकंड के लिए उस वक्त बातचीत की जब वह अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के साथ एक पैनल चर्चा के लिए मंच की ओर बढ़ रहे थे। यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि जर्मनी में अपनी संक्षिप्त बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने क्या चर्चा की। भारत और चीन में वर्ष 2020 से ही तनाव का व्यापक दौर चल रहा है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि दोनों नेताओं ने आपस में क्या बात की।
4 दिनों के लिए म्यूनिख में हैं जयशंकर
एस जयशंकर फिलहाल 16-18 फरवरी तक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) 2024 में भाग लेने के लिए म्यूनिख में हैं। एस जयशंकर ने शनिवार को नॉर्वे के अपने समकक्ष एस्पेन बार्थ ईड से भी मुलाकात की और म्यूनिख में उनके साथ "बड़ी बातचीत" की। म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) 16 फरवरी 2024 को शुरू हुआ। इसमें दुनिया भर के विश्व नेताओं ने दुनिया की सबसे गंभीर सुरक्षा चुनौतियों पर महत्वपूर्ण चर्चा की। आज एस जयशंकर की म्यूनिख यात्रा का आखिरी दिन है। म्यूनिख सम्मेलन के दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने इजराइल-हमास युद्ध, लाल सागर संकट पर जमकर बोले। उन्होंने 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमास के हमले को आतंकवादी कृत्य बताया। साथ ही गाजा में "अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने के अपने दायित्व" पर जोर दिया।