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Russia-Ukraine War:अमेरिका को दे दी रूस ने धमकी, कहा- यूक्रेन के मुद्दे पर हद पार न करें

Russia-Ukraine War: रूस ने अमेरिका को सख्त लहजे में चेतावनी दे दी है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका को हद नहीं

Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध की स्थिति में कोई ठोस समाधान न निकलने के बावजूद, अमेरिका और पश्चिमी देश यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति जारी रखे हुए हैं। इस संदर्भ में, रूस ने अमेरिका को स्पष्ट चेतावनी दी है कि वह यूक्रेन के मुद्दे पर अपनी "रेड लाइन" पार न करे। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को अमेरिका को चेतावनी दी कि वह रूस के प्रति संयम की भावना खो रहा है। लावरोव ने कहा, "अमेरिका ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी है और उन्हें यह समझना चाहिए कि ये सीमाएं गंभीर हैं।" उनका कहना है कि अमेरिका की यह हरकतें खतरनाक हो सकती हैं।

इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संभावित शांति वार्ता के लिए चीन, भारत और ब्राजील को मध्यस्थ की भूमिका निभाने का सुझाव दिया है। पुतिन ने कहा कि पहले सप्ताह के इस्तांबुल वार्ता का प्रारंभिक समझौता शांति वार्ता का आधार बन सकता है। वे यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र पर नियंत्रण को अपना लक्ष्य मानते हैं और कुर्स्क क्षेत्र से यूक्रेनी सेना को धीरे-धीरे खदेड़ रहे हैं।

इस स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति स्थापित करने के प्रयासों को और अधिक जटिल बना दिया है।

रेड लाइन को पार न करें- रूस

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका को चेतवानी दी है कि वह यूक्रेन के मुद्दे पर रेड लाइन को पार न करे। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने इस बात की जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि अमेरिका रूस के प्रति आपसी संयम की भावना खोने लगा है। 

ये काफी काफी खतरनाक है- रूस

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बुधवार को एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने के मामले में लक्ष्मण रेखा यानी रेड लाइन पार कर दी है। लावरोव ने कहा कि अमेरिका को यह समझ लेना चाहिए कि हमारी लक्ष्मण रेखा ऐसी नहीं हैं जिससे खिलवाड़ किया जा सके और वे अच्छी तरह जानते हैं कि वे कहां हैं। लावरोव ने कहा कि अमेरिका रूस के प्रति आपसी संयम की भावना खोने लगा है जो कि काफी खतरनाक है।

ये देश कर सकते हैं मध्यस्थता

यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शांति वार्ता के लिए बड़ा बयान दिया है। पुतिन ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन पर संभावित शांति वार्ता में चीन, भारत और ब्राजील मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। पुतिन ने कहा कि युद्ध के पहले सप्ताह में इस्तांबुल में वार्ता के दौरान रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच हुआ एक प्रारंभिक समझौता, जो कभी लागू नहीं हुआ, वार्ता के लिए आधार बन सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को कब्जे में लेना है। रूसी सेना धीरे-धीरे कुर्स्क क्षेत्र से यूक्रेनी सेना को खदेड़ रही है।

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