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Tesla in India:एलन मस्क के लिए नहीं बदले जाएंगे नियम- सरकार का बड़ा ऐलान

Tesla in India: भारत में टेस्ला की एंट्री के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है. टेस्ला ने केंद्र सरकार को जो अपना प्लान सौंपा था. उसने केंद्र सरकार और उसके अधिकारियों को असमंजस में डाल दिया था. कहा जा रहा था कि सरकार को उसके लिए अलग से नियम बनाने की जरूरत पड़ेगी

Tesla in India: भारत में टेस्ला की एंट्री के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है. टेस्ला ने केंद्र सरकार को जो अपना प्लान सौंपा था. उसने केंद्र सरकार और उसके अधिकारियों को असमंजस में डाल दिया था. कहा जा रहा था कि सरकार को उसके लिए अलग से नियम बनाने की जरूरत पड़ेगी. अब इस सवाल का जवाब भी सामने आ गया है. सरकार ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया है कि एलन मस्क की कंपनी के लिए केंद्र कोई अलग से नियम नहीं बनाने जा रहा है.

टेस्ला का क्या है प्लान?

टेस्ला के प्लान के मुताबिक, यदि सरकार भारत में ऑपरेशनल के पहले दो सालों के दौरान इंपोर्टेड वाहनों पर 15 फीसदी की छूट देती है तो अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार मेकर टेस्ला लोकल फैक्ट्री स्थापित करने के लिए 2 बिलियन डॉलर का निवेश करने को तैयार है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ला ने सरकार को एक डिटेल्ड प्लान सौंपा है. इस प्लान में इंवेस्टमेंट का वॉल्यूम टेस्ला की इंपोर्टिड कारों की संख्या से जोड़ा गया है.

टेस्ला के प्लान के मुताबिक, अगर सरकार सरकार 12,000 वाहनों के लिए टैरिफ में रियायत देती है तो कंपनी 500 मिलियन डॉलर तक निवेश करने को तैयार है. अगर यही रियायत 30,000 वाहनों के लिए होती है तो इंवेस्टमेंट 2 बिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है. जानकारों की मानें तो सरकार टेस्ला के इस ऑफर की एग्जामिन करने में जुट गई है कि क्या वास्तव में फैक्ट्री स्थापित करने के लिए 2 बिलियन डॉलर का निवेश सही है या नहीं.

सरकार इस पर दे रही ध्यान

सरकार चाहती है कि अमेरिकी कार मेकर ने जो इंपोर्टेड कारों पर जो रियायत मांगी है उसकी संख्या को कम करें. जानकारी के मुताबिक, सरकार इस बात का भी मूल्यांकन कर रही है कि क्या चालू वित्त वर्ष (10,000 यूनिट्स) में भारत में बेचे जाने वाली कुल ईवी पर रियायती टैरिफ को 10 फीसदी पर किया जा सकता है और इसे अगले वित्त वर्ष में 20 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है. मौजूदा वित्त वर्ष 2023 में करीब 50,000 ईवी बेची गई हैं और चालू वित्त वर्ष में इसकी संख्या एक लाख जाने की उम्मीद है. टेस्ला 2 सालों में भारत में निर्मित कारों के मूल्य का 20 फीसदी तक लोकलाइज करने और 4 सालों में इसे 40 फीसदी तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हो सकता है.

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