+

Rajasthan Politics:'कहां शादी का मंडप लगा?', दीया कुमारी को लेकर राजेंद्र सिंह गुढ़ा का बड़ा बयान

Rajasthan Politics: राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने दीया कुमारी को लेकर कहा कि झुंझुनू के राजपूत समाज की ठेकेदार बनने के लिए आई हैं। उनकी शादी के समय झुंझुनू के समाज के

Rajasthan Politics: झुंझुनू विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी ताकत दिखाने उतरे पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों प्रमुख पार्टियों पर जमकर हमला बोला है। गुढ़ा ने कहा कि उनका उद्देश्य झुंझुनू के विकास और समाज की बेहतरी के लिए है, न कि किसी पार्टी के फायदे के लिए। उनका दावा है कि वह समाज के असली प्रतिनिधि हैं, और उनका चुनावी अभियान उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

दीया कुमारी पर गुढ़ा की तीखी टिप्पणी

गुढ़ा ने बीजेपी की डिप्टी सीएम दीया कुमारी पर भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "दीया कुमारी समाज की ठेकेदार बनकर झुंझुनू आई हैं। उनका विवाह सिटी पैलेस में कैसे नहीं हुआ? कहां हुई उनकी शादी, कहां मंडप लगा?" गुढ़ा ने यह भी कहा कि दीया कुमारी की शादी के वक्त झुंझुनू के राजपूत समाज के लोग धरने पर बैठे थे, और अब वही समाज उनकी नेता बनने आई हैं। गुढ़ा ने इसके जरिए यह संदेश देने की कोशिश की कि दीया कुमारी का समाज से कोई गहरा संबंध नहीं है, और उनका झुंझुनू में आना चुनावी राजनीति से प्रेरित है।

कांग्रेस पर भी हमला

गुढ़ा ने कांग्रेस पार्टी को भी नहीं बख्शा और पार्टी के नेताओं पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, "कांग्रेसियों, इनको ज्यादा परेशान मत करो, नहीं तो हालात खराब कर देंगे।" इसके अलावा, उन्होंने देश में मुसलमानों की स्थिति पर भी सवाल उठाए और कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि कांग्रेस के लंबे शासनकाल के बावजूद मुसलमानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है, और आज भी उनकी स्थिति खस्ता है।

गुढ़ा ने इस बयान से कांग्रेस को घेरने की कोशिश की, यह बताते हुए कि पार्टी ने मुसलमानों के लिए कुछ खास नहीं किया। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कई दशकों से कांग्रेस का शासन था, लेकिन फिर भी मुसलमानों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई।

मुख्यमंत्री और मंत्रियों पर प्रहार

राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने राज्य में बीजेपी की सत्ता पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, "झुंझुनू में बीजेपी के 10-10 मंत्री डेरा डाले हुए हैं, 20 से 30 विधायक यहां पड़े हैं। मेरा क्या बिगाड़ लेंगे?" गुढ़ा का यह बयान बीजेपी के राजनीतिक दबदबे को चुनौती देने के रूप में देखा जा सकता है। उनका कहना था कि बीजेपी और कांग्रेस अपनी पूरी ताकत झुंझुनू में लगा रही हैं, लेकिन उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकतीं। गुढ़ा ने यह भी कहा कि जब उन्होंने पहले के मुख्यमंत्रियों, जैसे अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और भजनलाल को नहीं बख्शा, तो भजनलाल उनका क्या बिगाड़ सकते हैं?

उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला

झुंझुनू विधानसभा उपचुनाव में राजेंद्र सिंह गुढ़ा का मैदान में उतरना चुनाव को त्रिकोणीय बना रहा है। बीजेपी ने राजेंद्र भांबू को फिर से उम्मीदवार बनाया है, जिन्हें 2018 में भी प्रत्याशी बनाया गया था। हालांकि, राजीव भांबू के चुनावी मैदान में उतरने के बाद बबलू चौधरी ने विरोध कर बगावत की थी, लेकिन बाद में बीजेपी आलाकमान ने बबलू को मनाकर स्थिति को नियंत्रण में लिया। वहीं, कांग्रेस ने सांसद बृजेंद्र ओला के पुत्र अमित ओला को मैदान में उतारा है, जो कि एक युवा चेहरा माने जा रहे हैं।

गुढ़ा का चुनावी अभियान

राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वह अपने पुराने समर्थकों और सामाजिक ताने-बाने को एकजुट करने में जुटे हुए हैं, ताकि झुंझुनू में जीत हासिल कर सकें। उनका उद्देश्य केवल एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों को अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने का भी दावा कर रहे हैं।

गुढ़ा के चुनाव प्रचार ने इस उपचुनाव को रोमांचक बना दिया है, क्योंकि उन्होंने दोनों प्रमुख दलों के खिलाफ मोर्चा खोला है। अब देखना यह होगा कि झुंझुनू की जनता किसे अपनी दुआएं देती है और किस पार्टी का उम्मीदवार जीत हासिल करता है।

facebook twitter