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Maharashtra Politics:फडणवीस की तारीफ, क्या उद्धव की पार्टी और बीजेपी में फिर होगी दोस्ती?

Maharashtra Politics: संजय राउत ने कहा मुख्यमंत्री की तारीफ को हमारी रणनीति में किसी बदलाव या बीजेपी के करीब आने की कोशिश के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. ऐसी

Maharashtra Politics: हाल ही में शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की गई, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। सामना में फडणवीस के कार्यों को सराहा गया और उन्हें गढ़चिरौली में किए गए काम के लिए 'गढ़चिरौली का मसीहा' तक बताया गया। इसके बाद, शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने स्पष्ट किया कि यह तारीफ बीजेपी के प्रति किसी प्रकार की नरमी या गर्मजोशी नहीं है, जैसा कि कुछ लोग समझ सकते हैं।

राउत ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा, "हमने हमेशा सच बोला है और अगर किसी के अच्छे कामों की सराहना की जाए तो यह हमारी रणनीति में बदलाव नहीं होता।" उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना ने हमेशा अपने प्रतिद्वंद्वियों के अच्छे कार्यों की सराहना की है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी पार्टी बीजेपी के करीब आ रही है। राउत ने शिंदे और उनकी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले ढाई साल में उन्होंने कुछ खास नहीं किया और अगर वे महाराष्ट्र के लिए अच्छा करते, तो उनकी भी सराहना की जाती।

संजय राउत ने फडणवीस की तारीफ करते हुए कहा कि अगर वह गढ़चिरौली जैसे नक्सल प्रभावित जिले को स्टील सिटी बनाना चाहते हैं और वहां विकास परियोजनाओं को लागू करने का इरादा रखते हैं, तो शिवसेना इसका तहे दिल से स्वागत करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई सरकार आपकी विचारधारा से संबंधित नहीं होती, लेकिन वह अच्छे कदम उठाती है, तो वह तारीफ के हकदार होती है।

यह मामला तब सामने आया, जब बुधवार को गढ़चिरौली में 11 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने आत्मसमर्पण किया। इस घटनाक्रम के बाद, सामना में फडणवीस के संघर्ष और विकास कार्यों को लेकर उनकी सराहना की गई और उन्हें गढ़चिरौली के मसीहा के रूप में प्रस्तुत किया गया। इस सराहना में एकनाथ शिंदे की आलोचना भी की गई, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं।

इस प्रकार, शिवसेना (यूबीटी) ने फडणवीस की तारीफ को अपनी रणनीति में बदलाव के रूप में न देखकर उसे सिर्फ एक उचित प्रशंसा के रूप में देखा। राउत ने यह स्पष्ट किया कि वे हमेशा सकारात्मक कार्यों की सराहना करते हैं, चाहे वह किसी भी पार्टी से संबंधित हों, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि उनकी पार्टी ने बीजेपी के प्रति कोई गर्मजोशी दिखाना शुरू कर दिया है।

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