China HMPV Virus: चीन के बाद अब भारत में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामले सामने आने लगे हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कर्नाटक में रूटीन सर्विलांस के माध्यम से इस वायरस के दो मामलों की पुष्टि की है। इस नए वायरस को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं और स्वास्थ्य अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
पहले दो मामले: कर्नाटक में बच्चों में संक्रमण
HMPV के अब तक के पहले दो मामलों में, कर्नाटक के दो छोटे बच्चों में संक्रमण पाया गया।
- पहला मामला: तीन महीने की नवजात, जिसे ब्रोंकोप neumonia का इतिहास था, Baptist अस्पताल में भर्ती की गई थी। इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है।
- दूसरा मामला: आठ साल का बच्चा, जिसे भी ब्रोंकोप neumonia का इतिहास था, 3 जनवरी को इसी अस्पताल में संक्रमित पाया गया। बच्चा अब ठीक हो रहा है।
किन्हें अधिक खतरा है?
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा साझा जानकारी के अनुसार, HMPV वायरस कोविड-19 की तरह ही एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह वायरस विशेष रूप से निम्नलिखित समूहों के लिए खतरनाक हो सकता है:
- छोटे बच्चे
- बुजुर्ग
- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति
हालांकि, आंध्र प्रदेश में इस वायरस का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है।
संक्रमण के फैलने के तरीके
HMPV वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क से फैलता है। यह खांसने, छींकने, छूने और हाथ मिलाने जैसी गतिविधियों से फैल सकता है।
आंध्र प्रदेश की लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशक डॉ. के. पद्मावती के अनुसार, वायरस से बचने के लिए साफ-सफाई बनाए रखना और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
सरकार की तैयारियां
दिल्ली और अन्य राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस वायरस और अन्य श्वास संबंधी संक्रमणों से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों को सुनिश्चित करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
जनता के लिए सुझाव
- स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय अपनाएं: मास्क पहनें, सामाजिक दूरी बनाए रखें और हाथों को नियमित रूप से धोएं।
- लक्षणों पर ध्यान दें: यदि किसी में बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई या थकावट जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- संक्रमण से बचाव करें: कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों और बच्चों के संपर्क में सावधानी बरतें।
निष्कर्ष
HMPV भारत के लिए एक नई स्वास्थ्य चुनौती बन सकता है, विशेष रूप से बच्चों और कमजोर व्यक्तियों के लिए। सरकार द्वारा जारी अलर्ट और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए संक्रमण की रोकथाम संभव है। जनता को जागरूक रहना और अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा।