Maharashtra Politics:महाराष्ट्र से दिल्ली तक सियासी हलचल तेज, सीएम के फैसले में देरी, शिंदे क्यों हुए खास?

01:51 PM Dec 02, 2024 | zoomnews.in

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति (भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट, और एनसीपी अजित पवार गुट) की बड़ी जीत के बाद अब सवाल यह है कि राज्य का नेतृत्व कौन करेगा। मुख्यमंत्री पद के साथ-साथ मंत्रिमंडल के गठन को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें भाजपा और महायुति गठबंधन के फैसले पर टिकी हैं।

दिल्ली में फैसलों की तैयारी: अमित शाह के साथ अहम बैठक

सूत्रों के अनुसार, महायुति के वरिष्ठ नेता—देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार—आज रात दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। इस बैठक में मुख्यमंत्री पद और मंत्रिमंडल के गठन पर चर्चा होने की संभावना है।

अमित शाह ने गठबंधन विधायकों और पूर्व मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड मांगा है। इस रिपोर्ट कार्ड के आधार पर यह तय किया जाएगा कि कौन मंत्री बनेगा। इसमें उनके प्रदर्शन, संगठन के प्रति निष्ठा, और बीते चुनावों में किए गए कार्यों का मूल्यांकन होगा।


रिपोर्ट कार्ड में क्या देखा जाएगा?

  1. चुनाव में प्रदर्शन:
    विधायक या मंत्री ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में गठबंधन के लिए किस हद तक काम किया।

  2. मंत्रालय का प्रबंधन:
    अगर कोई पूर्व मंत्री है, तो उसने अपने मंत्रालय का प्रबंधन कैसे किया।

  3. संबंध और संवाद:
    घटक दलों के नेताओं और विधायकों के साथ उनके संबंध कैसे रहे।

  4. फंड का उपयोग:
    केंद्र और राज्य द्वारा दिए गए फंड का सही उपयोग किया या नहीं।

  5. विवाद और छवि:
    क्या मंत्री ने ऐसा कोई बयान दिया या काम किया जिससे गठबंधन मुश्किल में पड़ा हो।


मुख्यमंत्री पद पर रस्साकशी: कौन बनेगा अगला सीएम?

मुख्यमंत्री पद को लेकर सबसे अधिक चर्चाएं देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच हो रही हैं। भाजपा की स्थानीय इकाई के कई नेता शिंदे से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार, शिंदे ने सभी बैठकों को फिलहाल रद्द कर दिया है। शिंदे गृह मंत्रालय पर भी अपनी दावेदारी जता रहे हैं।

एकनाथ शिंदे की नाराजगी:
शिंदे ने ठाणे में आराम करने का फैसला लिया है और डॉक्टरों की सलाह का हवाला देकर आज सभी बैठकें रद्द कर दी हैं। वहीं, भाजपा के नेता उनसे मुलाकात का समय मांग रहे हैं, लेकिन शिंदे फिलहाल उनसे दूरी बनाए हुए हैं।


मंत्रिमंडल गठन में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण

सूत्रों की मानें तो अमित शाह ने रिपोर्ट कार्ड के साथ-साथ जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का भी ध्यान रखने को कहा है। महाराष्ट्र जैसे बड़े और विविध राज्य में यह समीकरण सरकार की स्थिरता के लिए अहम भूमिका निभाएंगे।


क्या अजित पवार को मिलेगा बड़ा पद?

अजित पवार, जो एनसीपी के एक धड़े का नेतृत्व कर रहे हैं, उपमुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। हालांकि, उनकी भूमिका मंत्रिमंडल में कितनी प्रभावी होगी, यह भी अमित शाह और गठबंधन की सहमति पर निर्भर करेगा।


महायुति की चुनौतियां और संभावनाएं

महायुति की सरकार बनने में सबसे बड़ी चुनौती है, तीन प्रमुख दलों के बीच तालमेल। मुख्यमंत्री पद की दावेदारी और महत्वपूर्ण मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है।

लेकिन अगर महायुति इस चुनौती को सफलतापूर्वक पार कर लेती है, तो यह महाराष्ट्र में एक स्थिर और प्रभावी सरकार देने की उम्मीद जगा सकती है। मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के नामों की घोषणा के साथ ही यह साफ हो जाएगा कि महाराष्ट्र में महायुति की सरकार किस दिशा में आगे बढ़ेगी।

अब सबकी निगाहें दिल्ली में होने वाली बैठक और अमित शाह के फैसले पर टिकी हैं।