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Lok Sabha Elections:पीएम मोदी का कन्याकुमारी में 45 घंटे की ध्यान मुद्रा, सामने आई पहली तस्वीर

Lok Sabha Elections: सांतवें चरण की वोटिंग से पहले पीएम मोदी कन्याकुमारी में ध्यान लगा रहे हैं. पीएम मोदी अगले 35 घंटे तक मौन रहेंगे. 75 दिनों की लंबी चुनावी प्रक्रिया के बाद कल शाम जब प्रचार का शोर थमा तो प्रधानमंत्री ध्यान लगाने के लिए कन्याकुमारी

Lok Sabha Elections: कन्याकुमारी के विवेकानंद मेमोरियल में प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की ध्यान साधना जारी है. पीएम मोदी विवेकानंद की प्रतिमा के सामने ध्यान लगा रहे हैं. कन्याकुमारी में पीएम मोदी का 45 घंटे का ध्यान है. प्रधानमंत्री मोदी की ध्यान साधना कल यानी शनिवार शाम तक चलेगी. सांतवें चरण की वोटिंग से पहले पीएम मोदी कन्याकुमारी में ध्यान लगा रहे हैं. पीएम मोदी अगले 35 घंटे तक मौन रहेंगे.

प्रधानमंत्री कल देर शाम से विवेकानंद रॉक मेमोरियल में मेडिटेशन कर रहे हैं. 75 दिनों की लंबी चुनावी प्रक्रिया के बाद कल शाम जब प्रचार का शोर थमा तो प्रधानमंत्री ध्यान लगाने के लिए कल यानी गुरुवार को कन्याकुमारी पहुंच गए. पीएम मोदी ध्यान मंडपम में 1 जून की शाम तक ध्यान लगाएंगे. ये वही जगह है, जहां 1892 में स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था. पीएम मोदी जहां ध्यान कर रहे हैं वहां विवेकानंद की मूर्ति है.

चुनावी शोर थमते ही कन्याकुमारी पहुंचे PM मोदी

चुनावी शोर थमते ही पीएम मोदी कन्याकुमारी पहुंचे. सबसे पहले उन्होंने भगवती अम्मन गए. दक्षिण भारतीय पारंपरिक वस्त्र में वो नंगे पांव हाथ जोड़ते हुए पीएम मोदी मंदिर के अंदर गए. इसके बाद मंदिर में मौजूद पुजारियों ने पीएम को विधिवत पूजा कराई. वो शाम की आरती में शामिल हुए. मंदिर की परिक्रमा की. पुजारियों ने उन्हें अंगवस्त्र दिया. पीएम मोदी को देवी मां की एक तस्वीर भी भेंट की गई. बता दें कि अम्मन मंदिर 108 शक्ति पीठों में एक है. ये मंदिर करीब 3000 साल पुराना है.

जहां विवेकानंद ने किया था तप, वहां मोदी लगा रहे ध्यान

अम्मन मंदिर में पूजा पाठ के बाद प्रधानमंत्री मोदी एक बोट से विवेकानंद रॉक मेमोरियल के ध्यान मंडपम पहुंचे. ध्यान मंडपम में उन्होंने विवेकानंद और राम कृष्ण परमहंस के सामने हाथ जोड़े. फूल चढ़ाए. इसके बाद पीएम मोदी ध्यान साधना में बैठ गए. पीएम मोदी जिस विवेकांनद रॉक मेमोरियल में ध्यान लगा रहे हैं दरअसल ये वही जगह है जहां 132 साल पहले शिकागो जाने से पहले स्वामी विवेकानंद तैरकर पहुंचे थे. उन्होंने तीन दिन तक ध्यान लगाया और तप किया था. कन्याकुमारी में तप का स्वामी विवेकानंद के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा. माना जाता है कि यहां विवेकानंद को भारत माता के बारे में दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ और उन्होने विकसित भारत का सपना देखा था.

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