Share Market News: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। निवेशकों को पिछले डेढ़ महीने में भारी नुकसान उठाना पड़ा है, जिसमें करीब 48 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं। इस बीच विदेशी निवेशकों ने बाजार से 1 लाख करोड़ रुपये निकाल लिए हैं, जिससे बाजार की स्थिति और नाजुक हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट फिलहाल जारी रह सकती है, जिससे निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
गिफ्ट निफ्टी के संकेत और कमजोर शुरुआत
सोमवार को बाजार के शुरुआती संकेत कमजोर रहे। गिफ्ट निफ्टी, जो भारतीय बाजारों के शुरुआती रुझानों का संकेत देता है, 23,500 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद से करीब 100 अंक कम है।
गुरु नानक जयंती के कारण शुक्रवार को बाजार बंद रहने के बाद गुरुवार को भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा।
- सेंसेक्स: 110.64 अंकों की गिरावट के साथ 77,580.31 पर बंद हुआ।
- निफ्टी 50: 26.35 अंक टूटकर 23,532.70 पर बंद हुआ।
200DMA के नीचे बाजार और जोखिम के संकेत
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ नागराज शेट्टी के अनुसार, निफ्टी 50 अब 23,540 पर महत्वपूर्ण 200DMA से नीचे है। यह संकेत देता है कि बाजार में तेजी की संभावना कम है। हालांकि, गिरावट की गति में कमी आना थोड़ा राहतभरा संकेत हो सकता है।
DMA (डेली मूविंग एवरेज) और अन्य तकनीकी संकेतकों का विश्लेषण दर्शाता है कि बाजार को किसी भी सकारात्मक बदलाव से पहले ठोस सबूत दिखाने की आवश्यकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
इस गिरावट के दौर में निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए। विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस समय पूंजी की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है।
- डायवर्सिफिकेशन जरूरी:
- अपने फंड को विभिन्न परिसंपत्तियों (गोल्ड, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड्स) में वितरित करें।
- एक ही सेक्टर या स्टॉक में अधिक निवेश से बचें।
- लंबी अवधि का नजरिया:
- बाजार में गिरावट के दौर का उपयोग लंबी अवधि के निवेश के लिए करें।
- गिरावट पर छोटे-छोटे हिस्सों में निवेश करें।
- गोल्ड और म्यूचुअल फंड पर विचार:
- गोल्ड को एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जा रहा है।
- म्यूचुअल फंड में SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश करें।
- शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग से बचें:
- बाजार में अस्थिरता के कारण शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग में नुकसान की संभावना अधिक है।
- धैर्य रखें और दीर्घकालिक रिटर्न पर ध्यान दें।
आगे क्या?
विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार में अभी और गिरावट की संभावना बनी हुई है। वैश्विक संकेतक कमजोर हैं, और विदेशी निवेशकों की बिकवाली का दबाव बाजार पर प्रभाव डाल रहा है। हालांकि, यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रहेगी। बाजार में स्थिरता आने पर निवेशकों को अच्छी वापसी मिल सकती है।
निष्कर्ष
भारतीय शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट ने निवेशकों को सतर्क रहने की सीख दी है। यह समय आक्रामक लाभ की अपेक्षा से हटकर सुरक्षित और रणनीतिक निवेश का है। यदि निवेशक धैर्य के साथ लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करेंगे और अपने पोर्टफोलियो को सही तरीके से प्रबंधित करेंगे, तो इस गिरावट के दौर को एक अवसर में बदला जा सकता है।