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India-Russia Relation:PM मोदी पहुंचे रूस - गार्ड ऑफ ऑनर से स्वागत; रूसी सेना ने राष्ट्रगान की धुन बजाई

India-Russia Relation: PM मोदी 5 साल बाद रूस पहुंच गए हैं। मॉस्को में वनुकोवो-2 इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनका स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया। इस दौरान रूसी सेना ने भारतीय राष्ट्रगान की धुन बजाई।

India-Russia Relation: PM मोदी 5 साल बाद रूस पहुंच गए हैं। मॉस्को में वनुकोवो-2 इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनका स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया। इस दौरान रूसी सेना ने भारतीय राष्ट्रगान की धुन बजाई। मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। दोनों देशों के बीच साल 2000 में वार्षिक सम्मेलन की शुरुआत हुई थी।

ये पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन जंग के बाद रूस का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले वे 2019 में रूस गए थे। मोदी और व्लादिमिर पुतिन की आखिरी मुलाकात 2022 में उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद में SCO समिट के दौरान हुई थी। पुतिन 2023 में भारत में हुए जी-20 सम्मेलन के लिए नहीं आए थे।

मोदी का ये रूस दौरा उस वक्त हो रहा है जब अमेरिका में नाटो समिट शुरू होने जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर सफाई दी है कि मोदी के रूस दौरे का नाटो समिट से कोई मतलब नहीं है। दरअसल, यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से रूस यूरोप में अलग-थलग पड़ गया। इस बीच उसे चीन और भारत का साथ मिला है।

हालांकि, भारत रूस के मामले में अपना स्टैंड न्यूट्रल रखना चाहता है। इसके बावजूद पूरी दुनिया, खासकर पश्चिमी देशों की मोदी के रूस दौरे पर नजर रहेगी। मोदी आज दोपहर बाद रूस पहुंचेंगे। आज रूस के राष्ट्रपति के साथ उनका प्राइवेट डिनर होगा।

नाटो समिट के बीच हो रहा मोदी का रूस दौरा

मोदी का रूस दौरा उस वक्त हो रहा है जब अमेरिका में NATO समिट शुरू होने जा रहा है। विदेश मंत्रालय को बयान जारी कर सफाई देनी पड़ी किमोदी के रूस दौरे का नाटो समिट से कोई मतलब नहीं है। दरअसल, यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से रूस यूरोप में अलग-थलग पड़ गया। इस बीच उसे चीन और भारत का साथ मिला है।

हालांकि, भारत रूस के मामले में अपना स्टैंड न्यूट्रल रखना चाहता है। इसके बावजूद पूरी दुनिया, खासकर पश्चिमी देशों की मोदी के रूस दौरे पर नजर रहेगी। मोदी आज दोपहर बाद रूस पहुंचेंगे। आज रूस के राष्ट्रपति के साथ उनका प्राइवेट डिनर होगा।

भारत और रूस के बीच बढ़ता व्यापार घाटा अहम मुद्दा

भारत और रूस के बीच यूक्रेन जंग के बाद व्यापार तेजी से बढ़ा है। इसमें बड़ा हिस्सा भारत के तरफ से खरीदे जा रहे कच्चे तेल का है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने 45.4 लाख करोड़ का कच्चा तेल खरीदा था।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच 54 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ था। इसमें भारत ने रूस को सिर्फ 3.3 लाख करोड़ का निर्यात किया था। भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को यात्रा से ठीक पहले बताया था कि दोनों नेता व्यापार में असमानता के मुद्दे पर बातचीत करेंगे।

नए ट्रेड रूट को लेकर दोनों नेताओं के बीच हो सकती है बात

भारत और रूस के बीच व्यापार को बढ़ाने और उसमें लगने वाली लागत को कम करने के लिए नए ट्रेड रूट पर भी बातचीत हो सकती है। हाल ही में भारत ने ईरान के चाबहार पोर्ट को 10 साल के लिए लीज पर लिया है।

ऐसे में भारत इस पोर्ट के जरिए सेंट्रेल एशिया से होते हुए रूस के साथ नए ट्रेड रूट शुरू करने को लेकर बातचीत कर सकता है। भारत इस पोर्ट की मदद से ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के साथ सीधे व्यापार कर सकता है।

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