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Petrol Diesel Price:फरवरी में 10 रुपए सस्ता होगा पेट्रोल- महंगाई होगी कंट्रोल!

Petrol Diesel Price: तीसरी तिमाही में ऑयल कंपनियों का मुनाफा 75 हजार करोड़ रुपए पहुंचने की उम्मीद है. जिसकी वजह से एक मीडिया रिपोर्ट में उम्मीद जताई जा रही है कि इस वजह से सरकार ऑयल कंपनियों पर पेट्रोल डीजल की कीमत को कम करने का दबाव बना सकती है.

Petrol Diesel Price: देश की आम जनता को राहत देने और चुनाव से पहले महंगाई को कंट्रोल करने के लिए देश की सरकारी ऑयल कंपनियां फरवरी के महीने में पेट्रोल और डीजल को सस्ता कर सकती हैं. दोनों की कीमतों में 10 रुपए प्रति लीटर तक की कटौती करने का विचार किया जा रहा है. वास्तव में तीसरी तिमाही में ऑयल कंपनियों का मुनाफा 75 हजार करोड़ रुपए पहुंचने की उम्मीद है. जिसकी वजह से एक मीडिया रिपोर्ट में उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार ऑयल कंपनियों पर पेट्रोल डीजल की कीमत को कम करने का दबाव बना सकती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और 2024 के चुनावों से पहले महंगाई को कंट्रोल करने में काफी मदद मिलेगी.

पहली छमाही में 4,917 फीसदी बढ़ा प्रॉफिट

सरकारी ओएमसीज ने अप्रैल 2022 से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया है. जबकि मई के महीने में केंद्र सरकार ने टैक्स कम ​किया था, उसके बाद पेट्रोल और डीजल की कीमत कम हुई थी. अधिकारियों का सुझाव है कि इस बार OMGC का पेट्रोल और डीजल पर प्रॉफिट मार्जिन 10 प्रति लीटर हो सकता है जिसे संभावित रूप से कंज्यूमर को दिया जा सकता है. सूत्रों ने संकेत दिया कि तीनों OMCG को वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में काफी नेट प्रॉफिट काफी मुनाफा हुआ है. पूरे वित्तीय वर्ष 2022-23 से तुलना करें तो मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही के प्रॉफिट में इजाफा 4,917 फीसदी देखने को मिला है.

10 रुपए तक सस्ता होगा पेट्रोल डीजल

एचटी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि फ्यूल की बिक्री पर हाई मार्केटिंग मार्जिन के कारण, तीन ओएमसी ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में काफी प्रॉफिट बनाया जोकि तीसरी तिमाही में जारी रह सकता है. इस महीने के अंत तक तीनों के कंपनियों के तिमाही नतीजे सामने होंगे. उसके बाद कंपनियां कच्चे तेल की इंटरनेशनल कीमतों को ध्यान में रखते पेट्रोल ओर डीजल की कीमत में 5 से 10 रुपए की कटौती कर सकती हैं. सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यह फैसला कंपनियों के बेनिफिशरीज के बात करके लिया जाएगा.

दूसरी तिमाही में ये थे प्रॉफिट के आंकड़ें

इस बीच, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने पिछले साल नवंबर में कच्चे तेल की कम कीमतों और हाई ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) के कारण जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए 5,826.96 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हासिल किया था. भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) को सितंबर तिमाही में 8,244 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ था. वहीं दूसरी ओर आईओसीएल का नेट प्रॉफिट 12,967 करोड़ रुपए देखने को मिला था. इसका मतलब है कि तीनों कंपनियों का नेट प्रॉफिट 27,038 करोड़ रुपए हो गया था.

पहली तिमाही में इतना हुआ था प्रॉफिट

अगर बात पहली तिमाही की करें तो तीनों ओएमसीज को दूसरी मुकाबले ज्यादा प्रॉफिट हुआ था. आईओसीएल को पहली तिमाही में 13,750 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था. वहीं दूसरी जून तिमाही में बीपीसीएल को 10,550.88 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ था. वहीं एचपीसीएल ने जून तिमाही में 6,203.90 करोड़ रुपए का प्रॉफिट दर्ज किया था. जानकारों की मानें तो इस तिमाही में तीनों कंपनियों का कंबाइंड प्रॉफिट 30,504.78 करोड़ रुपए देखने को मिला.

75 हजार करोड़ रुपए प्रॉफिट

जानकारों ने कहा है कि तीसरी तिमाही में यही प्रॉफिट 75 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ सकता है. खास बात तो ये है कि पहली और दूसरी तिमाही में तीनों का कंपनियों कंबाइंड प्रॉफिट 57,542.78 करोड़ रुपए हो चुका है. साथ ही ट्रेंड देखने को मिला है कि किस तरह से पहली तिमाही में जितना प्रॉफिट हुआ था, तीनों कंपनियों का प्रॉफिट दूसरी तिमाही और कम हुआ. सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या तीसरी तिमाही में तीनों कंपनियों का कंबाइड प्रॉफिट दूसरी तिमाही के मुकाबले कम रहेगा. जानकारों का कहना है कि प्रॉफिट भले ही कम हर सकता है, लेकिन तीनों की कंपनियों का तीन तिमाही का कंबाइंड प्रॉफिट 75 हजार करोड़ रुपए को पार कर जाएगा.

पहले हो रहा था लॉस

दिसंबर 2022 में पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने संसद में जानकारी देते हुए कहा था कि सरकारी तेल कंपनियों को वित्त वर्ष 2023 के पहले छह महीनों के दौरान 27,276 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. जबकि वित्त वर्ष 22 की पहली छमाही में तीनों कंपनियों का प्रॉफिट बिफोर टैक्स यानी पीबीटी 28,360 करोड़ रुपए था. पुरी ने उस समय संसद को बताया था कि कच्चे तेल की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बाद, 6 अप्रैल, 2022 से ओएमसी की ओर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा नहीं हुआ है. जिसकी वजह से तेल कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा है.

पुरी ने लोकसभा को जानकारी देते हुए कहा था कि नवंबर 2020 और नवंबर 2022 के बीच कच्चे तेल की इंडियन बास्केट का एवरेज प्राइस में 102 फीसदी (43.34 डॉलर से 87.55 डॉलर प्रति बैरल) की वृद्धि हुई, भारत में पेट्रोल और डीजल की रिटेल प्राइस में इस दौरान 18.95 फीसदी और 26.5 फीसदी का इजाफा देखने को मिला. उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र ने 21 नवंबर, 2021 और 22 मई, 2022 को दो बार केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती की, जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमत में 13 रुपए और 16 रुपए प्रति लीटर की कमी हुई है.

फिर हुआ प्रॉफिट

दिसंबर 2022 से ऑयल कंपनियां प्रॉफिट में आ गई थी. आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में ऑयल कंपनियाें को पेट्रोल पर 1.2 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13.4 रुपए प्रति लीटर का घाटा हुआ था. वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के आखिरी महीने में यानी 6 दिसंबर तक कंपनियों को पेट्रोल पर प्रति लीटर 8 रुपये का औसत लाभ और डीजल पर प्रति लीटर 10.5 रुपये की औसत हानि का अनुमान लगाया गया था.

दिसंबर 2023 में आई रिपोर्ट के अनुसार ओएमसी अब पेट्रोल पर 8-10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 3-4 रुपए प्रति लीटर का लाभ कमा रहे हैं. खास बात तो ये है कि 2022 में पेट्रोल पर 17 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 35 रुपए प्रति लीटर का भी नुकसान देखने को मिल चुका है.

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