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Modi Government:PAK हुआ PoK पर भारत के प्लान से सन्न, जानें क्यों विलय माना जा रहा पक्का

Modi Government: PoK को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बयान दिया था. उन्होंने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर की 24 सीटों को आरक्षित रखा गया है, क्योंकि हम अभी-भी ये मानते हैं जिसको जो बोलना है वो बोले. पीओके को लेकर भारत के प्लान से पूरा पाकिस्तान सन्न है

Modi Government: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के भारत में विलय का समय आ गया है. मोदी सरकार का अगला लक्ष्य कश्मीर का एकीकरण है. गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर की 24 सीटों को आरक्षित रखा गया है, क्योंकि हम अभी-भी ये मानते हैं जिसको जो बोलना है वो बोले. इस सदन में बोला हुआ शब्द इतिहास बनता है. आज फिर से कहना चाहता हूं. पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है. हमारा है और हमसे कोई नहीं छीन सकता.

अमित शाह का ये बयान इस बात का प्रमाण है कि भारत सरकार पीओके को वापस लेने के लिए अटल है. अडिग है. POK सिर्फ ज़मीन का एक टुकड़ा नहीं जिसे पाकिस्तान ने दगाबाजी से हथिया लिया था. बल्कि पीओके में भारत के प्राण हैं. पीओके को वापस लेना भारत के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं, बल्कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है.

संसद से गृह मंत्री अमित शाह ने न सिर्फ एक-एक सवाल का जवाब दिया, बल्कि जम्मू-कश्मीर का कायाकल्प करने के लिए अहम बिल पेश किया. अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम बिल पेश किया जिसे लोकसभा में पहले ही पारित किया जा चुका है. इस विधेयक के तहत जम्मू-कश्मीर में कुल सीटें बढ़कर 119 हो जाएंगी, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की 24 सीटें भी शामिल हैं, जो खाली रहेंगी. इसके साथ अमित शाह ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कह दिया कि आखिर 370 को सिर्फ कश्मीर में ही क्यों लागू किया गया था, किसी और जगह क्यों नहीं.

अमित शाह ने कहा, शेख अब्दुल्लाह को विशेष स्थान देने का आग्रह था. इस कारण विलय देर हुआ. इस कारण पाकिस्तान को आक्रमण करने का मौका मिला. मैं आज ये पूछना चाहता हूं कि इतने सारे कठिन राज्यों का विलय हो गया. कहीं पर 370 क्यों नहीं है. न जोधपुर में है. न जूनागढ़ में है. न हैदराबाद में है. न लक्षद्वीप में है. क्यों 370 नहीं है. संवेदनशील ह्रदय के कारण 370 है. कंडीशन किसने रखी. किसने स्वीकार की. इतिहास जवाब मांगता है. देश की जनता जवाब मांगती है. जवाब देना पड़ेगा. भाग नहीं सकते इतिहास से.

ये वही पीओके है जिसे लेकर देश की संसद से लेकर यूएन तक भारत शपथ ले चुका है. भारत कह चुका है कि POK खाली करो. पूरा कश्मीर भारत का था और अब भारत का होगा और पीओके की भारत वापसी का प्लान बहुत बड़ा है.इसके लिए डिप्लोमैटिक लेवल पर सारी तैयारियां की जा चुकी हैं.

पीओके की ‘भारत वापसी’ की पक्की वजह

भारत की तैयारी- देश की संसद से लेकर UN तक में ऐलान

पाक की कमजोर सत्ता- अवैध कब्जे को संभालने की कुव्वत नहीं बची

पीओके के अंदर बेचैनी-इलाके में सेना की बर्बरता और आर्थिक तबाही

अलग-थलग पाकिस्तान- कोई देश खुलकर पाकिस्तान के साथ नहीं

J&K में बदले हालात- घाटी में तरक्की का पीओके के लोगों पर बड़ा असर

सन्न है पाकिस्तान

ये भारत का वो प्लान है जिससे पूरा पाकिस्तान सन्न है. इसीलिए 370 को लेकर भारत की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था स्ट्रेचर पर है और पाकिस्तान की सरकार व्हीलचेयर पर, लेकिन अब भी वो बाज नहीं आ रहा. पाकिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ज़बरदस्त मिर्ची लगी है.

जिलानी ने कहा, अंतरराष्ट्रीय कानून भारत की 5 अगस्त 2019 की एकतरफा और अवैध कार्रवाइयों को मान्यता नहीं देता है, भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का कोई मूल्य नहीं है. जम्मू-कश्मीर का मसला दशकों से संयुक्त राष्ट्र में है. इस तरह से कश्मीरियों का हक छीना नहीं जा सकता. पाकिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री के अलावा पाकिस्तान के 2 पूर्व विदेश मंत्री भी तिलमिला गए.

यानी पाकिस्तान की छटपटाहट साफ़ समझी जा सकती है. ये वही मुल्क है जो इतना बदनाम हो चुका है कि कहीं भी आतंकी घटना हो उसके तार सीधे पाकिस्तान से जुड़ते हैं, लेकिन भारत ने पाकिस्तान को उसके हाल पर छोड़ दिया है. भारत को फिक्र अपने नागरिकों की है. भारत को फिक्र कश्मीर घाटी की है. जो ज़मीन पिछले कई दशकों से आतंक की आग में जल रही थी. वहां अमन लौट रहा है. उस ज़मीन का कायाकल्प हो रहा है क्योंकि कश्मीर के लोगों को खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा दिया था कि अब कभी कश्मीर के नौजवानों को मुसीबतों भरी ज़िंदगी नहीं जीनी पड़ेगी.

और अब भारत के लिए कश्मीर की संपूर्ण सम्प्रभुता सुनिश्चित करना ही अगला मिशन है और वो बिना पीओके हासिल किए पूरा नहीं हो सकेगा. देश के गृह मंत्री ख़ुद संसद से कहते हैं कश्मीर को लेकर उनका नजरिया थोड़ा तंग है. जबतक भारत की एक-एक इंच की जमीन वापस नहीं मिलेगी तबतक वो बैठने वाले नहीं हैं.

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