Gukesh Dommaraju: भारत के 18 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने गुरुवार, 12 दिसंबर, को सिंगापुर में आयोजित वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए नया रिकॉर्ड बनाया। गुकेश ने फाइनल में चीन के डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर सबसे युवा वर्ल्ड चेस चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। हालांकि, उनकी इस उपलब्धि पर विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि रूसी चेस फेडरेशन और कुछ विरोधी टीमें उनकी जीत को लेकर फिक्सिंग के आरोप लगा रही हैं।
ऐतिहासिक फाइनल और गुकेश की जीत
गुकेश और डिंग लिरेन के बीच 14 राउंड का फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। शुरुआती 13 राउंड के बाद दोनों खिलाड़ी 2-2 की बराबरी पर थे, जबकि 9 गेम ड्रॉ हुए थे। निर्णायक 14वें राउंड में गुकेश ने डिंग लिरेन को मात देकर 7.5-6.5 के स्कोर से खिताब अपने नाम कर लिया। यह जीत न केवल गुकेश के लिए बल्कि भारतीय शतरंज के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल है।
फिक्सिंग के आरोप और विवाद
गुकेश की जीत के बाद रूसी चेस फेडरेशन के अध्यक्ष एंड्री फिलातेव ने चीनी खिलाड़ी डिंग लिरेन पर जान-बूझकर फाइनल हारने का आरोप लगाया। उन्होंने इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) से इस मामले की जांच की मांग की। फिलातेव का कहना है, “डिंग लिरेन ने अंतिम राउंड में ऐसी चालें चलीं, जो किसी प्रोफेशनल खिलाड़ी के लिए संदिग्ध प्रतीत होती हैं। उनकी हार स्वाभाविक नहीं लगती, और इससे फिक्सिंग के संकेत मिलते हैं।”
इस मामले में यूक्रेनी चेस कोच पीटर हीन नीलसन ने रूसी समाचार एजेंसी को बताया कि चेस समुदाय के कई सदस्यों को फाइनल मुकाबले के परिणाम पर शक है। नीलसन के अनुसार, “डिंग लिरेन जैसी परिस्थिति में हारना किसी फर्स्ट क्लास खिलाड़ी के लिए लगभग असंभव था। यह हार सवाल खड़े करती है।”
डिंग लिरेन का रिकॉर्ड और दबाव
डिंग लिरेन ने 2022 में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब जीता था और इस साल वह डिफेंडिंग चैंपियन के रूप में इसे दोबारा हासिल करने उतरे थे। सिंगापुर में गुकेश के खिलाफ उनके प्रदर्शन ने सभी को चौंकाया। 14वें राउंड में उनके द्वारा किए गए मूव्स की समीक्षा के बाद कुछ विशेषज्ञ भी उनकी रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं।
गुकेश की उपलब्धि और भारत का गौरव
डी गुकेश की इस जीत ने भारत के शतरंज जगत को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। वह विश्व चैंपियनशिप जीतने वाले भारत के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं। यह उपलब्धि भारतीय शतरंज में एक नई पीढ़ी के उदय का प्रतीक है।
FIDE की प्रतिक्रिया और संभावित जांच
फिक्सिंग के आरोपों को लेकर FIDE ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। यदि इस मामले की जांच होती है, तो यह न केवल गुकेश की उपलब्धि पर प्रभाव डाल सकती है बल्कि शतरंज जगत में एक नई बहस को जन्म दे सकती है।
निष्कर्ष
डी गुकेश की ऐतिहासिक जीत ने भारतीय शतरंज को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाया है। हालांकि, फिक्सिंग के आरोपों ने इस जीत की चमक को कुछ हद तक प्रभावित किया है। अब यह देखना होगा कि FIDE इस मामले पर क्या कदम उठाती है और क्या गुकेश की इस ऐतिहासिक जीत पर उठे सवालों का जवाब मिल पाता है।