Hathras Stampede: राहुल गांधी ने आज पहले हाथरस और फिर अलीगढ़ का दौरा किया. कांग्रेस नेता ने इस घटना में मारे गए लोगों के परिवार से मुलाकात किया. उन्होंने कहा दुख की बात है, बहुत परिवारों को नुकसान हुआ है. काफी लोगों की मृत्यु हुई है, प्रशासन की कमी तो है और गलतियां हुई है. राहुल गांधी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी अपील की है. उन्होंने कहा कि मुआवजा सही मिलना चाहिए. मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से विनती करता हूं कि दिल खोलकर मुआवजा दें. लेकिन राहुल गांधी ने नारायण हरि सरकार के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला. उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई! यूपी सरकार उन्हें क्यों बचा रही है! कांग्रेस नेता राहुल गांधी मौन रहे.
हाथरस में हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो चुकी है. जिस भोले बाबा उर्फ नारायण हरि साकार के सत्संग में लोग मारे गए उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ है. हैरानी की बात ये है कि इस मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष में एकता हो गई है. मतलब दोनों पक्ष एक हो गए हैं. न बीजेपी, न बीएसपी और न ही समाजवादी पार्टी ने बाबा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. आखिर ऐसा क्या है कि सभी राजनैतिक पार्टियां इस मुद्दे पर एक हैं. इसके पीछे वोट बैंक की पॉलिटिक्स है. सबको फिक्र दलित वोटरों के नाराज होने की है. इसीलिए समाजवादी पार्टी इस मामले में बीजेपी सरकार को दोषी मान रही है. जबकि बीजेपी की तरफ से अखिलेश यादव और बाबा के संबंधों को उछाला जा रहा है.
यूपी में दलित जाटव बिरादरी के 11 फीसदी वोटर
बाबा उर्फ नारायण हरि साकार जब यूपी पुलिस में थे, उनका नाम सूरजपाल सिंह था. कासगंज जिले के रहने वाले बाबा दलित जाटव बिरादरी के हैं. यूपी में इस जाति के 11 प्रतिशत वोटर हैं. बाबा को मानने वाले अधिकतर लोग पिछड़े और दलित समाज के हैं. पश्चिमी यूपी के नौ जिले के लाखों लोग उनके समर्थक हैं. उनके सत्संग में जाते रहते हैं. हर महीने के पहले मंगलवार को किसी न किसी जगह पर उनका सत्संग होता है. जिसमें हजारों लोग आते हैं. बाबा का किसी भी राजनैतिक दल से कोई खास संबंध नहीं रहा है.
सार्वजनिक रूप से अखिलेश यादव पिछले साल इटावा में बाबा के सत्संग में शामिल हुए थे. तब उन्होंने नारायण हरि साकार को बड़ा संत बताया था. अखिलेश यादव ने हाथरस की घटना के लिए यूपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. लखनऊ में उन्होंने कहा कि बाबा के सत्संग तो होते रहते हैं. कभी कोई ऐसी घटना नहीं हुई. ये सब सरकार और प्रशासन की वजह से हुआ है. बीएसपी अध्यक्ष मायावती भी इस मुद्दे पर चुप हैं. आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर रावण ने लोगों को उचित मुआवजा देने की मांग की है.
बाबा के मामले में मायावती-चंद्रशेखर का स्टैंड एक
मायावती और चंद्रशेखर दोनों में 36 का संबंध है. लेकिन बाबा के मामले में दोनों का स्टैंड एक जैसा है. मायावती और चंद्रशेखर की तरह बाबा भी जाटव बिरादरी से हैं. हाथरस में इतने लोगों की जान जाने के बाद भी पीड़ित परिवार बाबा को कसूरवार नहीं मानता. दलित समाज में बाबा की इसी जबरदस्त पकड़ के कारण सभी राजनैतिक पार्टियां मुआवजे की राजनीति से आगे नहीं बढ़ने के मूड में हैं.