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Maharashtra New CM:फडणवीस के सिर अब महाराष्ट्र का ताज! BJP ने शिंदे को दिए 2 ऑफर

Maharashtra New CM: महाराष्ट्र का सीएम फेस कौन होगा? नतीजे आने के बाद भी अभी तक इस पर सस्पेंस बरकरार है. पिछले चुनाव में गठबंधन में सबसे ज्यादा सीटें होने के

Maharashtra New CM: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राजनीतिक गलियारों में एक बड़ा सवाल उभर कर सामने आया है: महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? हालिया घटनाक्रम और बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) के गठबंधन में उथल-पुथल ने इस प्रश्न को और जटिल बना दिया है।

बीजेपी की रणनीति: फडणवीस का नाम चर्चा में

बीजेपी के सूत्रों के अनुसार, पार्टी आलाकमान ने मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाए जाने का संकेत दिया है। इस संदर्भ में एकनाथ शिंदे को केंद्रीय मंत्री पद या राज्य में डिप्टी सीएम पद की पेशकश की गई है। यह निर्णय एनसीपी (अजित पवार गुट) के बीजेपी को समर्थन देने के बाद तेजी से लिया गया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि एकनाथ शिंदे इस प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं।

शिंदे गुट की प्रतिक्रिया

मंगलवार को एकनाथ शिंदे ने अपने निर्धारित कार्यक्रमों में तो हिस्सा लिया, लेकिन उन्होंने मीडिया से बातचीत करने से परहेज किया। यह उनकी असहमति और असंतोष को दर्शाता है। शिंदे गुट में भी इस विषय पर अलग-अलग राय है। एक बड़ा वर्ग मानता है कि बीजेपी, राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, मुख्यमंत्री पद की हकदार है।

शिंदे गुट के समर्थकों का यह भी कहना है कि पिछली सरकार में शिवसेना (शिवसेना के उद्धव गुट) ने बड़े भाई की भूमिका निभाई थी, लेकिन इस बार बीजेपी को सत्ता में प्रमुख भूमिका मिलनी चाहिए। इसके साथ ही कुछ नेता यह मानते हैं कि शिंदे को प्रस्तावित केंद्रीय मंत्री पद स्वीकार कर लेना चाहिए।

रामदास आठवले का समर्थन

एनडीए की सहयोगी पार्टी आरपीआई (ए) के प्रमुख रामदास आठवले ने इस मामले पर स्पष्ट राय दी है। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने का समर्थन किया है और सुझाव दिया है कि एकनाथ शिंदे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए। आठवले के अनुसार, बीजेपी को अपनी चुनावी जीत और सीटों की संख्या के आधार पर मुख्यमंत्री पद पर अधिकार है।

राजनीतिक उथल-पुथल और आगे की राह

महाराष्ट्र की राजनीति इस समय असमंजस की स्थिति में है।

  • बीजेपी की प्राथमिकता: राज्य में स्थिरता और सत्ता पर पकड़ बनाए रखना।

  • शिवसेना (शिंदे गुट) की चुनौती: अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को संतुलित करना।

अगले कुछ दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि एकनाथ शिंदे इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं या कोई वैकल्पिक कदम उठाते हैं। क्या शिंदे अपने समर्थन को बरकरार रखेंगे, या वे राज्य और केंद्र की राजनीति में अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करेंगे?

निष्कर्ष

महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच सत्ता संतुलन की इस लड़ाई में, यह देखना होगा कि बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) कैसे इस मुद्दे को सुलझाते हैं। महाराष्ट्र की जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें अब आने वाले दिनों के घटनाक्रम पर टिकी हैं।

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