The Kandahar Hijack: नेटफ्लिक्स पर 29 अगस्त को स्ट्रीम हुई हालिया सीरीज 'IC 814: द कंधार हाईजैक' ने दर्शकों और विशेषज्ञों के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस वेब सीरीज में आतंकवादियों के नाम और तथ्यों को लेकर किए गए बदलाव पर विवाद छिड़ गया है। सीरीज में आतंकवादियों को मानवीय रूप में प्रस्तुत किए जाने का आरोप भी लगाया गया है, जो अब एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है।
सच्चाई और कल्पना के बीच की खाई
'IC 814: द कंधार हाईजैक' में आतंकवादियों के नामों को लेकर विवाद ने इस सीरीज को प्रमुख चर्चा का विषय बना दिया। इस सीरीज के मेकर्स पर आरोप है कि उन्होंने आतंकवादियों के असली नामों के स्थान पर 'भोला' और 'शंकर' जैसे हिंदू नाम रखे हैं, जिससे एक असामान्य और भ्रामक छवि बन गई है। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि सीरीज में आतंकवादियों को मानवीय दिखाने का प्रयास किया गया है, जिसे कई लोगों ने सच्चाई के खिलाफ मान लिया है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की कार्रवाई
इस बढ़ते विवाद के बीच, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स इंडिया के हेड मोनिका शेरगिल को तलब किया। सोमवार को मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स इंडिया के हेड को समन जारी किया, जिसके बाद मोनिका शेरगिल ने मंत्रालय के सामने पेश होकर मामले की पूरी जानकारी दी। मंत्रालय ने इस मुद्दे पर एक बड़ा फैसला लिया है और नेटफ्लिक्स इंडिया को सीरीज में सुधार के निर्देश दिए हैं।
सीरीज में होने वाले बदलाव
मोनिका शेरगिल ने स्पष्ट किया है कि अब सीरीज के शुरुआत में एक डिस्क्लेमर जोड़ा जाएगा, जिसमें अपहर्ताओं के वास्तविक और कोड नामों को स्पष्ट रूप से बताया जाएगा। उन्होंने कहा, "1999 में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 814 के अपहरण की घटना से अपरिचित दर्शकों के लिए, ओपनिंग डिस्क्लेमर के साथ अपहर्ताओं के वास्तविक और कोड नामों को शामिल करने के लिए सीरीज को अपडेट किया जाएगा।"
नेटफ्लिक्स इंडिया की प्रतिक्रिया
शेरगिल ने आगे कहा कि "हम भारत में कहानी कहने की एक समृद्ध परंपरा को मानते हैं और हमारे कंटेंट को प्रामाणिक रूप से प्रस्तुत करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।" उनका यह बयान दिल्ली में सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू से मुलाकात के बाद आया है, जो इस मुद्दे की गहराई को दर्शाता है।
विवाद का व्यापक असर
इस विवाद ने यह दिखाया है कि कैसे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक तथ्यों के प्रति संवेदनशीलता महत्वपूर्ण होती है। 'IC 814: द कंधार हाईजैक' जैसी सीरीज, जो सच्ची घटनाओं पर आधारित होती हैं, को दर्शकों और ऐतिहासिक तथ्यों के प्रति आदर रखना चाहिए। इस मामले ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर आने वाले कंटेंट को न केवल रचनात्मकता के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सच्चाइयों का भी सम्मान किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
'IC 814: द कंधार हाईजैक' की स्थिति ने यह साबित कर दिया है कि मीडिया और एंटरटेनमेंट उद्योग को अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना चाहिए। इस विवाद के बाद, नेटफ्लिक्स इंडिया की ओर से किए गए सुधार इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यह देखना बाकी है कि आगे चलकर इस तरह के मुद्दों से कैसे निपटा जाएगा और कैसे सही जानकारी और संवेदनशीलता को बनाए रखते हुए दर्शकों तक पहुँचाया जाएगा।