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Modi Oath Ceremony:शपथ से पहले NCP कैबिनेट मंत्री का पद नहीं मिलने से नाराज, अजित पवार ने कही ये बात

Modi Oath Ceremony: मोदी 3.0 कैबिनेट में एनडीए के सहयोगी दलों को शामिल किया गया है, लेकिन मंत्रिमंडल से महाराष्ट्र से अजित पवार के नेताओं के नाम गायब हैं. इस पर अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी को राज्य मंत्री का पद दिया जा रहा था

Modi Oath Ceremony: प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल रविवार से शुरू होगा. मोदी सरकार 3.0 का शपथ ग्रहण समारोह शाम को हो रहा है. कैबिनेट विस्तार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी दलों को शामिल किया गया है, लेकिन अजित पवार की पार्टी एनसीपी से किसी को फोन नहीं आया है. अभी तक किसी का नाम सामने नहीं आया है. वजह सामने आई है कि प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे मंत्री पद को लेकर आपस में भिड़ गए हैं. बीजेपी आलाकमान ने उनसे कहा है कि पहले अपनी पार्टी में इस बात को लेकर जो नाराजगी है उसे दूर करें. दूसरी ओर, अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी को राज्य मंत्री का पद दिया जा रहा था, लेकिन वे लोग कैबिनेट मंत्री मांग रहे थे. वे लोग कैबिनेट मंत्री के पद के लिए इंतजार करने के लिए तैयार हैं और शपथ ग्रहण समारोह में जा रहे हैं.

बता दें कि एनसीपी से दो लोग सांसद हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल राज्यसभा में सांसद हैं, जबकि सुनील तटकरे लोकसभा से चुने गए हैं. सूत्रों ने बताया कि इन दोनों नेताओं ने मंत्री पद के लिए एक-दूसरे पर दावा ठोका है. लेकिन दोनों में से कौन मंत्री होगा? इस संबंध में आम सहमति नहीं बन सकी. सूत्रों ने बताया कि इसी वजह से एनसीपी ने कॉल का जवाब नहीं दिया.

हमें भी एक मंत्री पद मिलना चाहिए: अजित पवार

शपथ ग्रहण से पहले ही खटपट सामने आने लगी है, एनसीपी नेता अजित पवार ने प्रेस कांफ्रेंस में ये दावा किया कि हमें भी शिवसेना की तरह एक कैबिनेट मंत्री पद मिलना चाहिए था. इससे पहले प्रफुल्ल पटेल ने भी ये कहा था कि उन्हें राज्यमंत्री का पद ऑफर हुआ था, लेकिन वो कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, इसलिए मना कर दिया. प्रफुल्ल पटेल के मुताबिक उन्हें कुछ समय इंतजार करने के लिए कहा गया है.

मैं कैबिनेट मंत्री रह चुका हूं, अब राज्यमंत्री बनाया जा रहा था: प्रफुल्ल पटेल

एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने शपथ ग्रहण से पहले बड़ा बयान दिया है, उन्होंने दावा किया है कि मुझे राज्यमंत्री बनाया जा रहा था. मैं कैबिनेट मंत्री रह चुका हूं, इसलिए मैंने मना कर दिया. हालांकि सरकार से मतभेद पर उन्होंने कहा कि हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है. हम सब साथ हैं.

कैबिनेट मंत्री पद की मांग पर अड़े अजित और प्रफुल्ल

दूसरी ओर, एनसीपी नेताओं के बीच विवाद की खबरों के बात प्रफुल्ल पटेल का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि वह पहले भी सरकार में कैबनेट मिनिस्टर रह चुके हैं,अभी उन्हें राज्य मंत्री बनने के लिए कहा गया था. उन्होंने मना कर दिया है. हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है. हम सब साथ हैं.

उन्होंने कहा कि हमें मंत्री पद नही दिया गया ऐसा कहना गलत है. हमारे पास पहले कैबिनेट मंत्री पद था. इसलिए हमने कैबिनेट मंत्री पद मांगा था, लेकिन हमे राज्यमंत्री पद दिया जा रहा था. हम गठबंधन में हैं. गठबंधन के कुछ नियम होते हैं. हम उसका पालन करेंगे.

दूसरी ओर, अजित पवार ने भी प्रफुल्ल पटेल की बातों की पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी पार्टी को राज्य मंत्री का पद दिया जा रहा था, लेकिन प्रफुल्ल पटेल पहले भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. उनके फिलहाल एक लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद हैं और जल्द ही दो और राज्यसभा के सांसद हो जाएंगे. ऐसे में उन लोगों ने एक कैबिनेट मंत्री पद की मांग है. उन्होंने कहा कि वे लोग इस पर इंतजार करने के लिए तैयार हैं.

अजित पवार ने की बैठक

प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए एनसीपी नेताओं ने तटकरे के दिल्ली स्थित आवास पर बैठक की. इस बैठक में एनसीपी नेता अजित पवार, सुनील तटकरे, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस मौजूद रहे. सुनील तटकरे के आवास पर डेढ़ घंटे की बैठक हुई. उस बैठक में दोनों नेताओं के बीच विवाद को सुलझाने पर चर्चा हुई थी. लेकिन अंत तक कोई समाधान नहीं निकला. तो डेढ़ घंटे की बैठक के बाद अजित पवार, देवेंद्र फड़णवीस बैठक से बाहर चले गए.

बीजेपी हाईकमान का निर्देश

मोदी 3.0 कैबिनेट का पहला शपथ ग्रहण समारोह प्रत्येक पार्टी को जगह देने की कोशिश की जा रही है, लेकिन एनसीपी में विवाद न सुलझने के कारण पीएमओ से एनसीपी के किसी भी सांसद ने फोन का जवाब नहीं दिया. बीजेपी आलाकमान ने एनसीपी नेताओं से कहा है कि पहले उन्हें अपने मतभेद सुलझा लेने चाहिए.

भुजबल के नाम पर चर्चा

मंत्री पद के लिए प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे की जगह छगन भुजबल को मौका देने की मांग हो रही है. एनसीपी के एक गुट ने यह मांग की है. कार्यकर्ता कह रहे हैं कि छगन भुजबल के ओबीसी चेहरे के मंत्री बनने से पार्टी को फायदा होगा.

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