Bangladesh Violence:पूर्व पीएम हसीना पर भड़के मोहम्मद यूनुस, भारत से की ये खास अपील

01:54 PM Sep 05, 2024 | zoomnews.in

Bangladesh Violence: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर जमकर हमला बोला है, विशेषकर उनके भारत में किए गए राजनीतिक टिप्पणियों को लेकर। यूनुस का कहना है कि हसीना द्वारा भारत में दिए जा रहे बयानों से द्विपक्षीय संबंधों में खटास आ सकती है, और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हसीना को तब तक चुप रहना चाहिए जब तक ढाका उनका प्रत्यर्पण नहीं कर देता।

हाल ही में, यूनुस ने कहा कि यदि भारत शेख हसीना को अपने देश में तब तक बनाए रखना चाहता है, जब तक बांग्लादेश उन्हें वापस बुलाने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेता, तो यह एक शर्त होगी कि हसीना को सार्वजनिक बयानबाजी से दूर रहना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश भारत के साथ मजबूत और सकारात्मक संबंध बनाए रखना चाहता है, लेकिन हसीना की टिप्पणियों ने इस प्रयास को मुश्किल बना दिया है।

यूनुस ने बांग्लादेश और भारत के संबंधों की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त की और भारत से अपील की कि वह हसीना को चुप रहने की सलाह दे। उनका कहना था कि हसीना द्वारा की जा रही टिप्पणियां केवल असुविधा ही पैदा नहीं कर रही हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच एक स्वस्थ संवाद के लिए भी बाधक बन रही हैं।

शेख हसीना ने हाल ही में देश में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत में शरण ली थी। इसके बाद मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया। यूनुस का कहना है कि हसीना का भारत में रहना और वहां से बयान देना स्थिति को और भी जटिल बना रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में हसीना की बयानबाजी ने वहां के लोगों को असहज कर दिया है और उनके बयानों से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

यूनुस ने बांग्लादेश-भारत संबंधों को लेकर चिंता जताई है और यह भी कहा कि हसीना के बयानों को यदि तुरंत नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह स्थिति दोनों देशों के बीच संबंधों को और भी खराब कर सकती है। उनके अनुसार, बांग्लादेश और भारत के बीच अच्छे रिश्ते के लिए आवश्यक है कि हसीना को संयमित व्यवहार करना चाहिए, ताकि द्विपक्षीय संबंधों में अनावश्यक तनाव न पैदा हो।

इस मुद्दे पर भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा और यह देखना दिलचस्प होगा कि बांग्लादेश और भारत के बीच रिश्तों में सुधार के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।