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Bihar Politics:मांझी के बेटे संतोष सुमन ने संभाला कामकाज- एक मंत्रालय पाकर ही मान गए मांझी?

Bihar Politics: क्या जीतनराम मांझी मान गए हैं. ये सवाल इस वजह से उठ रहे हैं क्योंकि मांझी के बेटे संतोष सुमन ने मंत्रालय संभाल लिया है. हम के मुखिया जीतनराम मांझी एक ही मंत्रालय मिलने से नाराज बताए जा रहे थे. उन्होंने कहा भी था कि एक रोटी से पेट नहीं
Bihar Politics: नीतीश कुमार की नई सरकार के फ्लोर टेस्ट के पहले हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के मुखिया जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने आखिरकार पदभार ग्रहण कर लिया है. नीतीश सरकार के लिए ये राहत की बात है, क्योंकि सिर्फ एक मंत्रालय मिलने पर मांझी नाराज बताए जा रहे थे. नीतीश मंत्रिमंडल में मांझी दो सीट की मांग करते हुए कह चुके हैं कि एक रोटी से पेट नहीं भरता है. संतोष सुमन ने अबतक अपने विभाग में पदभार भी ग्रहण नहीं किया था.

संतोष सुमन को एससी-एसटी और आईटी विभाग में पदभार भी ग्रहण कर लिया है. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था कि मांझी को मना लिया जाएगा. बातचीत करके पूरे मसले को सुलझा लिया जाएगा. बता दें कि मांझी 2 मंत्री की मांग करते आए हैं. उन्होंने सोमवार को कहा था कि मैं गांव से आता हूं. शहर से मेरा कोई मतलब नहीं रहता है. मैं 43 साल से काम कर रहा हूं. लोगों को मुझसे उम्मीद रहती है कि कुछ काम मैं कर दूं. यदि मुझे कोई मंत्रालय मिल जाए तो और काम हो सकता है.

उन्होंने आगे कहा था कि हमेशा मैं एक ही विभाग देखता रहूं ये अच्छा नहीं लगता है….हमारे मन में आती है कि जान बूझ कर हमारे समाज को नजरअंदाज किया जा रहा है. ये कोई रंजिश नहीं है. इसके कारण समर्थन देने और लेने का कोई फर्क नहीं आता है. हालांकि मांझी ने ये भी कहा कि हम नीतीश कुमार और एनडीए के साथ हैं और रहेंगे. 12 फरवरी को जो फ्लोर टेस्ट होगा उसमें डट कर हम एनडीए का साथ देंगे.

मांझी के पास भी था यही मंत्रालय
28 जनवरी को बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार बनी. उन्होंने एनडीए में वापसी की और 9वीं बार सीएम पद की शपथ ली. बीजेपी की ओर से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा डिप्टी सीएम बने. 5 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. हम के 4 विधायक हैं और संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया. उन्होंने सूचना प्रविधिकी, एससी-एसटी कल्याभा विभाग दिया गया. संतोष सुमन जब महागठबंधन की सरकार में मंत्री थे तब भी उन्हें एससी-एसटी कल्याण विभाग दिया गया था. इसके अलावा खुद जीतनराम मांझी जब बिहार सरकार में मंत्री थे, तब भी उनके पास यही मंत्रालय था.

बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में नवगठित NDA सरकार 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने की कोशिश करेगी. इसी दिन से राज्य विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत होगी. एनडीए गठबंधन के पास 128 विधायक हैं तो विपक्षी महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं.
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