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West Bengal News:ममता बनर्जी कलकत्ता HC के फैसले पर बिफरीं, कहा-'ओबीसी सर्टिफिकेट पर HC का आदेश मंजूर नहीं'

West Bengal News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह आदेश उन्हें मंजूर नहीं है।

West Bengal News: ओबीसी आरक्षण खत्म करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर ममता बिफर पड़ीं। उन्होंने दमदम लोकसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्हें यह फैसला कतई मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से  संवैधानिक विघटन होगा। उन्होंने बीजेपी निशाना साधते हुए कहा कि ये शरारती लोग अपना काम एजेंसियों के माध्यम कराते हैं। 

जेंसियों के माध्यम से कराते हैं अपना काम

ममता ने कहा कि आज भी मैंने एक जज को एक आदेश पारित करते हुए सुना, जो मशहूर रहे हैं। प्रधानमंत्री भी इस बारे में कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक  आदिवासियों का आरक्षण कैसे छीन लेंगे। ऐसा कभी कैसे हो सकता है? इससे संवैधानिक विघटन होगा। आदिवासी आरक्षण को अल्पसंख्यक कभी छू नहीं सकते। लेकिन ये शरारती लोग (भाजपा) अपना काम एजेंसियों के माध्यम से कराते हैं।

हम बीजेपी का आदेश नहीं मानेंगे

ममता ने आगे कहा, 'उन्होंने आज एक आदेश पारित कराया है लेकिन मैं इसे स्वीकार नहीं करती हूं। जब बीजेपी की वजह से 26 हजार लोगों की नौकरियां गईं तो मैंने कहा था कि मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगी। वैसे ही मैं आज कह रही हूं, मैं आज के आदेश नहीं मानती हूं। हम बीजेपी का आदेश नहीं मानेंगे। ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा। उनके दुस्साहस की कल्पना कीजिए। यह देश में कलंकित अध्याय है। ममता ने कहा कि यह मेरे द्वारा या मेरी सरकार में लागू नहीं किया गया था। उपेन बिस्वास ने लागू किया था। ओबीसी आरक्षण लागू करने से पहले सर्वे कराया गया था। इस संबंध मेंपहले भी मामले दर्ज हुए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। 

सिर्फ वोट की राजनीति के लिए कर रहे ऐसा

ममता ने कहा कि वे भाजपा शासित राज्यों में नीतियों के बारे में बात क्यों नहीं करते? यह (ओबीसी आरक्षण) कैबिनेट, विधानसभा में पारित किया गया था और इस पर अदालत का फैसला भी है। चुनाव से पहले वे इन चीजों से खेल कर रहे हैं । उन्होंने पहले तो संदेशखाली का साजिश की जिसका पर्दाफाश हो चुका है। उनकी दूसरी साजिश साम्प्रदायिक दंगे की थी। उनकी तीसरी साजिश है कि क्या पीएम क्या पीएम कभी कह सकते हैं कि अल्पसंख्यक आदिवासी, ओबीसी का आरक्षण हड़प लेंगे? ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि यह संवैधानिक गारंटी है। ममता ने कहा कि वे सिर्फ वोट की राजनीति  के लिए ऐसा कर रहे हैं ताकि वे 5 साल तक अपना भ्रष्टाचार जारी रख सकें।

2010 के बाद बनी ओबीसी लिस्ट रद्द

दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने ओबीसी सर्टिफिकेट पर एक बड़ा फैसला लेते हुए बंगाल में 2010 के बाद बनी ओबीसी लिस्ट को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अब कोई भी नए सर्टिफिकेट जारी नहीं किये जाएंगे। हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिाच है कि इस लिस्ट के आधार पर जिन लोगों को नौकरी मिल चुकी है, उनकी नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यानी उनकी नौकरी बरकरार रहेगी। जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस राजशेखर मंथर की बेंच ने यह फैसला सुनाया।

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