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Bijapur IED Blast:नक्सलियों का बीजापुर में बड़ा हमला, IED ब्लास्ट में 9 जवान शहीद, सामने आया वीडियो

Bijapur IED Blast: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने आईईडी से सुरक्षाबलों के वाहन को निशाना बनाया है. कुटरू मार्ग पर प्लांट की गई आईईडी की जद में आने से 9

Bijapur IED Blast: छत्तीसगढ़ का बीजापुर जिला, जो लंबे समय से नक्सल हिंसा का गवाह रहा है, एक बार फिर सोमवार को इस क्रूरता का शिकार हुआ। नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सुरक्षाबलों के वाहन को उड़ा दिया। इस हमले में दंतेवाड़ा जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आठ जवान और एक वाहन चालक शहीद हो गए। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि जवानों के शरीर टुकड़ों में बंट गए।

घटना का विवरण

यह घटना कुटरू थाना क्षेत्र के अम्बेली गांव के पास हुई, जहां नक्सलियों ने लगभग 100 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया। यह हमला तब हुआ जब सुरक्षाबलों का संयुक्त दल एक ऑपरेशन से लौट रहा था। बताया गया कि दोपहर लगभग 2:15 बजे नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर सुरक्षाबलों के वाहन को निशाना बनाया।

बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि यह हमला नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों पर किए गए पिछले दो वर्षों में सबसे बड़ा हमला है। इससे पहले अप्रैल 2023 में भी दंतेवाड़ा जिले में ऐसा ही हमला हुआ था, जिसमें 10 पुलिसकर्मी और एक चालक की मौत हो गई थी।

नक्सलवाद का नया चेहरा

नक्सलियों द्वारा किए गए इस तरह के हमले दर्शाते हैं कि उनकी रणनीति अब और भी घातक होती जा रही है। यह न केवल सुरक्षाबलों की चुनौती बढ़ाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि नक्सली संगठन अपनी ताकत खोने के डर से हताशा में इस प्रकार के हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस हमले को कायराना हरकत करार दिया और शहीद जवानों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध है। इसी तरह, छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह और उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए सरकार की दृढ़ता को दोहराया।

सुरक्षाबलों की चुनौतियां और आगे की रणनीति

नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों को हर कदम पर सतर्कता बरतनी होती है। यह हमला बताता है कि नक्सली अब भी अत्यधिक संगठित और हिंसक हैं। हालांकि, सरकार और सुरक्षाबलों ने स्पष्ट कर दिया है कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई तेज की जाएगी।

निष्कर्ष

बीजापुर की इस घटना ने फिर से साबित कर दिया कि नक्सलवाद अभी भी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है। लेकिन सरकार और सुरक्षाबलों की दृढ़ता यह दिखाती है कि यह संघर्ष केवल एक पड़ाव है, और नक्सलवाद के खात्मे तक यह लड़ाई जारी रहेगी। शहीद जवानों का बलिदान उनकी महानता का प्रतीक है, और यह संघर्ष देश को एक नक्सल मुक्त भविष्य की ओर ले जाने के लिए प्रेरणा देगा।

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