NEET UG Exam:जानिए क्या हैं वो 5 आधार, जिससे नीट एग्जाम कैंसिल होने से बच गया?

09:03 AM Jul 24, 2024 | zoomnews.in

NEET UG Exam: विवादों से घिरी नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा है कि नीट परीक्षा दोबारा नहीं होगी. आइए जानते हैं कि कौन से वो बड़े आधार हैं, जिनको ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

लाखों छात्रों का भविष्य

कोर्ट ने अपने फैसले में 20 लाख से ज्यादा छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखा है. सीजेआई ने कहा कि दागी छात्रों को बेदाग छात्रों से अलग किया जा सकता है. अगर जांच में पेपर लीक के लाभार्थियों की संख्या में इजाफा का पता चलता है तो काउंसलिंग होने के बाद भी ऐसे छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. नए सिरे से परीक्षा के निर्देश देने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जो इस परीक्षा में उपस्थित होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को प्रभावित करेंगे.

आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट

नीट की परीक्षा में एक प्रश्न के दो उत्तर के लिए दिए नंबर के मामले में आईआईटी दिल्ली कहती है, पहला विकल्प ‘परमाणु विद्युत रूप से तटस्थ होते हैं क्योंकि उनमें समान संख्या में सकारात्मक और नकारात्मक चार्ज होते हैं’ ये सही है. दूसरा विकल्प ‘प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर हैं और अपने विशिष्ट स्पेक्ट्रम का उत्सर्जन करते हैं’. NTA ने दोनों विकल्पों में से किसी एक को सही चुनने वालों को पूरे 4 अंक देने का फैसला किया था. करीब 9 लाख उम्मीदवारों ने पहला विकल्प चुना था. 4 लाख से अधिक ने दूसरा विकल्प चुना था.

सीबीआई की रिपोर्ट

सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा, सीबीआई की रिपोर्ट से पता चलता है कि जांच जारी है. सीबीआई ने संकेत दिया है कि हजारीबाग और पटना के परीक्षा केंद्रों से चुने गए 155 छात्र धोखाधड़ी के लाभार्थी प्रतीत होते हैं. सीबीआई की जांच अभी आखिरी स्टेज में नहीं है, इसलिए इस कोर्ट ने पिछले आदेश में केंद्र से कहा था कि क्या 571 शहरों में 4750 केंद्रों के परिणामों से असामान्यता के बारे में कुछ रुझान निकाले जा सकते हैं.

IIT मद्रास की रिपोर्ट

नीट मामले में IIT मद्रास की रिपोर्ट में कहा गया था कि नीट यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर पेपल लीक नहीं हुआ है. शिक्षा मंत्रालय के कहने पर आईआईटी मद्रास ने डेटा एनालिटिक्स रिपोर्ट तैयार की थी. इसमें परीक्षा में शामिल 1.4 लाख छात्रों के लिए एनालिसिस किया गया था.कोर्ट ने इस स्तर पर एनटीए द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए डेटा की भी जांच की है.

कोर्ट के सामने पेश रिकॉर्ड

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल रिकॉर्ड पर ऐसी कोई सामग्री नहीं है, जिसे देखते हुए ये कहा जा सके कि परीक्षा का परिणाम प्रभावित है या परीक्षा की पवित्रता का सिस्टमैटिक उल्लंघन हुआ है. रिकॉर्ड पर मौजूद डेटा पेपर के सिस्टमैटिक लीक का संकेत नहीं देता है. पिछले तीन साल के नतीजों की हमने तुलना की है. परीक्षा में खामी के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं.

देश भर के सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए एनटीए प्रवेश परीक्षा कराती है. इसी साल पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 23.33 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी. इसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे. रिजल्ट आने के बाद एनटीए पर सवाल उठे. शुरू में संबंधित राज्यों की पुलिस ने मामले में कार्रवाई की. इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. अब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.