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North Korea-Ukraine War:किम जोंग कूदे जंग में, उत्तर कोरिया और यूक्रेन में कौन ज्यादा ताकतवर?

North Korea-Ukraine War: रूस और यूक्रेन की जंग में उत्तर कोरिया की एंट्री हो गई है. अमेरिका का दावा है कि यूक्रेन की सीमा के पास रूस के समर्थन में उत्तर कोरिया

North Korea-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के युद्ध में अब उत्तर कोरिया की भी उपस्थिति ने हालात को और जटिल बना दिया है। अमेरिकी दावे के अनुसार, उत्तर कोरिया के करीब 8,000 से 10,000 सैनिक रूस का समर्थन करने के लिए यूक्रेन की सीमा के पास मौजूद हैं। दूसरी ओर, यूक्रेन का दावा है कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने रूस को 11,000 सैनिक भेजने का फैसला किया है। हालांकि, रूस ने इस दावे को खारिज कर दिया है और कहा कि वह अपनी रक्षा के लिए पूरी तरह से सक्षम है।

उत्तर कोरिया के इस हस्तक्षेप से युद्ध में नया मोड़ आ सकता है। उत्तर कोरिया की सेना कोरियन पीपुल्स आर्मी है, जो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना मानी जाती है। इसमें 13 लाख सक्रिय सैनिक हैं और 76 लाख रिजर्व सैनिक हैं, जो देश की आबादी का लगभग 30% है। सेना के पास 4,300 टैंक, 8,800 तोपें, 810 लड़ाकू विमान, और 70 पनडुब्बियाँ हैं। इसके साथ ही सेना को देश के सकल घरेलू उत्पाद का एक चौथाई हिस्सा प्राप्त होता है। किम जोंग उन के नेतृत्व में इस सेना का आधुनिकीकरण हुआ है और अब यह परमाणु मिसाइलें और रासायनिक हथियारों का भंडार भी रखती है। उत्तर कोरिया के पास 6,800 हैकर भी हैं, जो साइबर युद्ध में प्रशिक्षित हैं और दुश्मन के नेटवर्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

दक्षिण कोरिया के अनुसार, जो सैनिक उत्तर कोरिया ने रूस भेजे हैं, वे उसके विशेष अभियान बल का हिस्सा हैं। यह बल आक्रामक अभियानों में कुशल माना जाता है और स्नाइपर के रूप में भी प्रशिक्षित होते हैं।

यूक्रेन की सेना भी मजबूत है, हालांकि उसकी संख्या उत्तर कोरिया की तुलना में कम है। यूक्रेन के पास लगभग 2-3 लाख सक्रिय सैनिक और 9 लाख रिजर्व सैनिक हैं। इसमें 2,596 युद्ध टैंक, 12,303 बख्तरबंद वाहन, 2,040 तोपें, और 772 एयरक्राफ्ट शामिल हैं। यूक्रेन का कुल रक्षा बजट 5.4 बिलियन डॉलर है और रूस के हमले के बाद से यह अपनी सैन्य क्षमता को लगातार बढ़ा रहा है। अमेरिका और नाटो सहयोगियों से मिल रहे आधुनिक हथियार और ड्रोन यूक्रेन की सेना को और अधिक सशक्त बना रहे हैं। आधुनिक युद्ध में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है और यूक्रेन का ड्रैगन ड्रोन रूस की सेना में तबाही मचाने में कारगर साबित हो रहा है।

यूक्रेन की नाटो से बढ़ती निकटता भी उसे रूस के मुकाबले अधिक सैन्य सहयोग और समर्थन दिला रही है। नाटो के सदस्य देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन, तुर्की और अन्य देशों ने यूक्रेन को हथियार, मिसाइलें, ड्रोन और गोरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी है। ब्रिटेन ने एंटी एयरक्राफ्ट और एंटी टैंक मिसाइलों का भंडार भेजा, जबकि तुर्की ने 100 से अधिक अटैक ड्रोन दिए हैं।

इन परिस्थितियों में उत्तर कोरिया का हस्तक्षेप युद्ध के लिए एक नया चुनौतीपूर्ण मोर्चा खोल सकता है।

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