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Delhi Liquor Scam:केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को LG ने हटाया, इस घोटाले में हो चुकी है पूछताछ

Delhi Liquor Scam: आम आदमी पार्टी के सिर्फ नेता ही नहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार भी ED की जांच के दायरे में हैं. दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना ने विभव कुमार को हटा दिया है. जांच एजेंसी ने 8 अप्रैल को विभव से

Delhi Liquor Scam: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को हटा दिया है. विभव प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में हैं. ED ने 8 अप्रैल को विभव से शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में घंटों तक पूछताछ की थी. इससे पहले दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में भी फरवरी के पहले सप्ताह में ED विभव के घर पर रेड कर चुकी है.

बता दें कि जांच एजेंसी विभव कुमार से करीब 4 घंटों तक पूछताछ की थी. दूसरी बार ईडी ने विभव कुमार से पूछताछ की थी. इससे पहले पिछले साल भी जांच एजेंसी ने समन भेजकर केजरीवाल के निजी सचिव बुलाया था और इंक्वायरी की थी. बता दें कि 8 अप्रैल को जांच एजेंसी (ED) विभव के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक से भी पूछताछ की थी.

10 अप्रैल से विभव कुमार की सेवाएं समाप्त

बता दें कि विजिलेंस निदेशालय ने 10 अप्रैल से विभव कुमार की सेवाएं समाप्त कर दी है. निदेशालय ने विभव कुमार की नियुक्ति को सही नहीं माना है. निदेशालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि विभव कुमार की सर्विस तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है. इसमें कहा गया कि उनकी नियुक्ति के लिए जो प्रक्रिया और नियमों का सही से पालन नहीं किया गया इसलिए उनकी नियुक्ति अवैध और अमान्य है.

ED की चार्जशीट में विभव कुमार का जिक्र

आदेश में विभव कुमार के खिलाफ लंबित 2007 के कानूनी मामले का भी हवाला दिया गया है. दरअसल, यह मामला सरकारी कर्मचारी पर हमला और काम में बाधा उत्पन्न करने का था. ED की चार्जशीट में भी विभव कुमार का जिक्र है. विभव ने सितंबर 2021-जुलाई 2022 के बीच मोबाइल नंबर का IMEI चार बदला. बता दें कि विभव कुमार ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी नेता से तिहाड़ जेल में मुलाकात की थी.

क्या है विभव को लेकर पूरा मामला?

केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को जो पद से हटाया गया है, उसके पीछे इस बात को आधार बनाया गया है कि 2007 में नोएडा में उनकी किसी सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट हुई थी. इसका केस है. यह मामला आगे तब बढ़ा जब इस मामले में विभव के खिलाफ चार्जशीट हुई. हाईकोर्ट ने भी इस पूरे मामले में विभव को किसी भी तरीके की कोई रिलीफ नहीं दी.

मगर मामले में यूटर्न तब आया जब विभव अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बने. दरअसल, जॉइनिंग से पहले सरकार को अपना सारा रिकॉर्ड बताना पड़ता है. विभव को हटाने के पीछे इस बात का दावा किया गया है कि विभव ने यह बड़ी और हम जानकारी सरकार से छुपाई कि उसके पीछे कोई क्रिमिनल केस भी है और इसी बात को आधार बनाकर केजरीवाल के निजी सचिव को पद से हटाया गया है.

सलाखों के पीछे अरविंद केजरीवाल

बता दें कि दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. इस मामले में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह भी गिरफ्तार हो चुके हैं. हालांकि, संजय सिंह को पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई थी. वह फिलहाल जेल से बाहर हैं. सिसोदिया अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं.

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