PM Modi Kuwait Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुवैत दौरे ने भारत और कुवैत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। इस दौरे के दौरान उन्होंने ‘हाला मोदी’ कम्यूनिटी प्रोग्राम में भाग लिया, जहां उन्हें भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ जुड़ने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि कुवैत में उन्हें अलग ही अपनापन महसूस हो रहा है और यह जगह उन्हें मिनी हिंदुस्तान की तरह प्रतीत होती है।
चार दशक बाद ऐतिहासिक दौरा
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि चार दशक के लंबे अंतराल के बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री कुवैत आया है। उन्होंने इसे एक निजी और ऐतिहासिक पल बताया। भारतीय प्रवासियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि कुवैत में भारतीय समुदाय न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य को भी सशक्त बना रहा है। यह दौरा भारत और कुवैत के बीच गहरे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और व्यापारिक संबंधों का प्रतीक है।
व्यापार और सांस्कृतिक जुड़ाव
प्रधानमंत्री ने कुवैत और भारत के बीच ऐतिहासिक व्यापारिक संबंधों की बात की। उन्होंने कुवैत के मोतियों का उल्लेख किया, जो भारतीय आभूषण उद्योग को समृद्ध करते हैं। गुजरात के बुजुर्गों की कहानियों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि कुवैत और सूरत के व्यापारिक संबंध कितने पुराने और मजबूत रहे हैं।
उन्होंने एक रोचक तथ्य साझा किया कि 60-65 साल पहले कुवैत में भारतीय रुपए चलन में थे। कुवैत के व्यापारी अक्सर भारत आते-जाते थे, और मुंबई की मोहम्मद अली स्ट्रीट कुवैती परिवारों की विशेष पहचान थी। यह सब दर्शाता है कि भारत और कुवैत के बीच न केवल व्यापारिक बल्कि सांस्कृतिक संबंध भी गहरे रहे हैं।
आधुनिक साझेदारी की नई संभावनाएं
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और कुवैत के बीच आज के युग में भी सहयोग नई ऊंचाइयों को छू रहा है। कुवैत भारत का प्रमुख ऊर्जा और व्यापार साझेदार है। साथ ही, भारत कुवैती कंपनियों के लिए एक बड़ा निवेश गंतव्य बनकर उभर रहा है।
कोरोना महामारी में सहयोग का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग का उल्लेख किया। उन्होंने कुवैत द्वारा भारत को लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति और भारत द्वारा कुवैत को वैक्सीन और मेडिकल टीम भेजने का ज़िक्र किया। यह दोनों देशों के बीच गहरे और मानवीय संबंधों का प्रतीक है।
कुवैत की स्वतंत्रता और भारत का योगदान
प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को भी रेखांकित किया कि भारत उन पहले देशों में से एक था, जिसने कुवैत की स्वतंत्रता को मान्यता दी। यह ऐतिहासिक संबंध भारत और कुवैत के बीच गहरे विश्वास और आपसी सम्मान को दर्शाते हैं।
भविष्य की दिशा
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे ने भारत और कुवैत के संबंधों को और अधिक सुदृढ़ किया है। दोनों देशों के बीच व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मानवीय सहयोग के नए आयाम खुल रहे हैं। यह दौरा न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य में भी दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा देने वाला साबित होगा।
यह यात्रा भारत और कुवैत के मजबूत और स्थायी संबंधों का जश्न है। यह न केवल दोनों देशों के नेताओं बल्कि उनके नागरिकों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत है।