Delhi Politics: दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक और बड़ी घोषणा करते हुए पुजारी और ग्रंथी सम्मान योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत दिल्ली में कार्यरत सभी पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने ₹18,000 का मानदेय दिया जाएगा। आवेदन प्रक्रिया मंगलवार, 31 दिसंबर से शुरू होगी। यह घोषणा पार्टी के चुनावी एजेंडे में तीसरी बड़ी योजना है, जिससे पार्टी ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है।
महिला सम्मान और संजीवनी योजना के बाद नई पहल
इससे पहले, अरविंद केजरीवाल ने महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना का ऐलान किया था।
- महिला सम्मान योजना: इसके तहत 18 वर्ष से अधिक आयु की पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1,000 दिए जाएंगे। यदि 2025 में AAP सरकार फिर से बनती है, तो यह राशि बढ़ाकर ₹2,100 कर दी जाएगी।
- संजीवनी योजना: 60 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के इलाज का खर्च दिल्ली सरकार वहन करेगी।
चुनावी तैयारी में तेजी
दिल्ली में फरवरी 2025 में संभावित विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए AAP पहले ही पूरी तैयारी में जुट चुकी है। पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस बार उन नेताओं को टिकट से वंचित किया गया है, जिनके खिलाफ विरोध की आवाजें उठ रही थीं।
नई योजनाओं से जनता को साधने की कोशिश
अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी योजना की जानकारी देते हुए कहा था कि यह घोषणा दिल्लीवासियों के लिए खुशी का सबब बनेगी। पुजारी और ग्रंथी सम्मान योजना धार्मिक और सामाजिक वर्गों के बीच समर्थन जुटाने का प्रयास है।
विवादों के घेरे में महिला सम्मान योजना
हालांकि, महिला सम्मान योजना को लेकर विवाद भी खड़े हुए हैं। सरकारी अधिकारियों ने विज्ञापनों के माध्यम से जनता को सतर्क किया है कि सरकार ने इस योजना का आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की है। इसके बावजूद, AAP का दावा है कि यह योजना लागू हो चुकी है और पात्र महिलाओं को लाभ मिल रहा है।
क्या कहते हैं राजनीतिक समीक्षक?
विशेषज्ञों का मानना है कि आम आदमी पार्टी की ये योजनाएं चुनाव से पहले मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए बनाई गई हैं। महिला सम्मान योजना, संजीवनी योजना और अब पुजारी और ग्रंथी सम्मान योजना के जरिए पार्टी विभिन्न वर्गों को साधने का प्रयास कर रही है।
निष्कर्ष
आम आदमी पार्टी की ये योजनाएं दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य को नया आयाम दे रही हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इन योजनाओं को कितना स्वीकार करती है और 2025 के चुनावी नतीजे क्या कहानी बयां करते हैं। फिलहाल, AAP का फोकस अपने चुनावी वादों को पूरा करने और जनता के बीच मजबूत आधार बनाने पर है।